ओडिसा/फुलबानी। एक भिखारिन की कल्पना करते हुए आप क्या सोचेंगे? यही न कि उसके पास पैसे नहीं होंगे। यदि होंगे भी तो खुद उसके अपने जीवनयापन के लायक। लेकिन एक भिखारिन ने अपनी हैसियत से बड़ा धार्मिक दान करके सभी को आश्चर्य में डाल दिया है। उड़ीसा की रहने वाली 70 वर्षीय तुला बेहरा, जोकि एक भिखारन हैं और पिछले 20 सालों से फूलबनी में जगन्नाथ मंदिर के सामने भीख मांगती हैं। उन्होंने भीख मांगकर एक लाख रुपए से ज्यादा एकत्र किए थे, जिसमें एक लाख रुपए मंदिर को दान कर दिए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मूल रूप से कटक निवासी, तुला बेहरा फूलबनी कस्बे में ही रहती हैं। वह एक विधवा महिला हैं। उन्होंने फूलबनी जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुनासिर महापात्रा से संपर्क किया और सालों की मेहनत के बाद जमा की गई पूंजी में से एक लाख रुपए मंदिर को दान में दे दिए, ताकि आम लोगों का कुछ भला हो सके। तुला द्वारा मंदिर को दान किए जाने का मामला इलाके में चर्चा का विषय है।
जानकारी के मुताबिक, कटक की रहने वाली तुला बेहरा अपने पति प्रफुल्ल बेहरा के साथ शादी करने के बाद फूलबनी में रहने लगी थीं। शादी के कुछ वर्षों बाद प्रफुल्ल की मृत्यु हो गई। पति की मौत के बाद तुला को पेट भरने के लिए काम की जरूरत थी। पहले तुला ने कुछ छोटे-मोटे काम किए। लेकिन उससे मिलने वाली रकम से उनका खर्च पूरा होना मुश्किल था। ऐसे में उन्होंने भीख मांगना शुरू कर दिया। भीख मांगने के दौरान जो पैसा उन्हें मिलता वो उसे अपने पोस्ट ऑफिस अकाउंट में जमा कराती रहीं। जब उनके बचत खाते में एक लाख रुपए से अधिक जमा हो गए तब उन्होंने मंदिर को दान करने का फैसला किया, और मंदिर प्रबंधन समिति से मिलकर उन्हें दान के पैसे दिए। पहले मंदिर प्रशासन पैसे लेने में हिचक रहा था, लेकिन तुला बेहरा के काफी अनुरोध करने पर मंदिर प्रशासन ने उनकी दान राशि को स्वीकार कर लिया।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा एक मामला
यह देश का पहला मामला नहीं है, जब किसी भिखारी ने इतना बड़ा दान दिया है। इससे पहले कर्नाटक के कुनादपुर से सामने आए ऐसे ही एक मामले में गंगोली निवासी भिखारिन ने मंदिर के लिए एक लाख रुपये का दान दिया था। इस भिखारिन की पहचान अश्वत्थाम्मा के रूप में हुई थी। उन्होंने अपने जीवन-यापन के लिए मंदिरों के बाहर भीख मांगकर जो पैसा जमा किया था उसमें से से एक लाख रुपया उन्होंने मंदिर में देवी अन्नदान के लिए दे दिए थे।