बिजली विभाग का बड़ा हुंकारः 22 से कार्य और 29 से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार

  • विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की अपील
  • ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन द्वारा संघर्ष समिति से वार्ता हेतु कोई पहल न करने और वार्ता के नाम पर
  • भ्रामक प्रचार करने से ऊर्जा निगमों में बढ़ रहा है टकराव का वातावरण

नया लुक संवाददाता


लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन पर ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने 27 अक्टूबर को प्रबंधन को समस्याओं के समाधान हेतु पत्र दे दिया था किंतु आज तक समस्याओं पर ऊर्जा निगमों के चेयरमैन ने वार्ता की कोई पहल नहीं की इसके विपरीत ऊर्जा निगम प्रबंधन द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है। कि वार्ता के लिए संगठन तैयार नहीं है जो पूरी तरह असत्य है। साथ ही संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर सार्थक पहल करें; जिससे वार्ता की मेज पर समस्याओं का समाधान हो सके और ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव न हो।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 27 अक्टूबर को संघर्ष समिति की नोटिस देने के बाद नौ नवंबर को संघर्ष समिति को पत्र लिखकर प्रबंध निदेशक और कारपोरेशन ने वार्ता के लिए बुलाया था। यह वार्ता विफल रही क्योंकि लगभग सभी बिंदुओं पर प्रबंध निदेशक के द्वारा यह बताया गया कि वह इन समस्याओं का समाधान करने हेतु सक्षम अधिकारी नहीं हैं। संघर्ष समिति की ओर से वार्ता में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि संघर्ष समिति वार्ता के माध्यम से समस्याओं के समाधान का पक्षधर है और सक्षम अधिकारी अर्थात चेयरमैन को वार्ता करनी चाहिए। आश्चर्य का विषय है कि आज तक चेयरमैन ने संघर्ष समिति से वार्ता करने हेतु कोई पहल नहीं की है।


17 नवंबर को होने वाले सत्याग्रह के एक दिन पूर्व कुछ संगठनों को जो संघर्ष समिति के घटक संगठन है अलग से वार्ता हेतु बुलाया जाना किसी भी प्रकार नीति संगत नहीं था। इसी कारण इन संगठनों ने प्रबंधन को स्पष्ट बता दिया था कि संघर्ष समिति की नोटिस है। इसलिए अलग-अलग वार्ता के लिए बुलाए जाने का कोई औचित्य नहीं है, संघर्ष समिति को बुलाया जाए हम हमेशा वार्ता के लिए तैयार हैं। अब प्रबंधन के द्वारा वार्ता को लेकर चलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं में भारी गुस्सा व्याप्त है और टकराव का वातावरण बढ़ रहा है जिसका सारा उत्तरदायित्व शीर्ष प्रबंधन का है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया यदि समस्याओं का समाधान न हुआ तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता 22 नवंबर से नियमानुसार कार्य आंदोलन करेंगे और 29 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारंभ होगा जिसका सारा दायित्व ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का होगा।

Central UP Raj Dharm UP

मंत्री हलकान, प्रशासन परेशान, दो माह में आधा दर्जन बंदियों ने की जेल में आत्महत्या

जेलों में बंदियों की आत्महत्याओं पर एक्शन में जेलमंत्री! प्रमुख सचिव और डीजी जेल को घटनाएं रोकने के दिए निर्देश दो माह में आधा दर्जन बंदियों ने की जेल में आत्महत्या राकेश यादव लखनऊ। प्रदेश की जेलों में बंदियों के आत्महत्याओं की घटना को जेलमंत्री ने गंभीरता से लिया है। जेलमंत्री ने विभाग के आला […]

Read More
Raj Dharm UP

बैंकॉक से DEPORT स्क्रैप माफिया खेलने लगा खेल, अब इस कदम से मचा हड़कंप

खबर मिलते ही जेल प्रशासन में मचा हड़कंप, हाई सुरक्षा बैरक में रखा गया काना  रवि काना और काजल को पुलिस रिमांड पर लेकर करेगी पूछताछ रवि – सुंदर भाटी गिरोह के बीच चल दुश्मनी की बात आई सामने, जांच पड़ताल में जुटी पुलिस  ए अहमद सौदागर लखनऊ । सूबे की जेलों में हाई सुरक्षा […]

Read More
Raj Dharm UP

योगी की हनक से पस्त हुआ एक और माफिया का गढ़, इस बार स्क्रैप माफिया को चटाया धूल

लक्ष्मी सिंह ने जाते ही उसके अवैध साम्राज्य को बनाया निशाना नोएडा के स्क्रैप माफिया रवि काना की साइड स्टोरी, जानें कैसे बना वो स्क्रैप किंग नोएडा से नया लुक के प्रमुख संवाददाता विनय सिंह की रिपोर्ट वो सत्ता के साथ झंडा बदलने में माहिर है। शातिर इतना कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR […]

Read More