- राजधानी देहरादून में वीर सैनिकों की याद में बना है राज्य का पांचवा धाम
- इसमें शहीदों के आंगन की मिट्टी और पांच पवित्र नदियों का जल भी मिला है,
अशोक पांडेय
देहरादून। उत्तराखंड के पांचवें और देश के पहले ‘ सैन्य धाम’ का शुभारंभ नौ नवंबर को राज्य स्थापना के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों राजधानी देहरादून में किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद धामी सरकार भी ‘ सैन्य धाम’ को लेकर अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में जुट गई है। देश का पहला ‘सैन्य धाम ’ 91 करोड़ 26 लाख की प्रस्तावित लागत से देहरादून के गुनियाल गांव की चार हेक्टेयर भूमि पर बनाया गया है।

देश के वीरों को समर्पित यह ‘ सैन्य धाम’ धामी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तैयार किए गए इस स्थल को पांचवें धाम के रूप में स्थापित किए जाने की बात कही गई थी। इसके बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी सैन्य धाम के काम को तेजी से आगे बढ़ाया और यह बनकर तैयार हो गया है। इसे बनाने के लिए 11734 शहीद जवानों के घरों की मिट्टी और 28 पवित्र नदियों के जल को अमर जवान ज्योति के मुख्य स्तंभ में प्रतिस्थापित किया गया है। यहां लाइट एंड साउंड शो, म्यूजियम ऑडिटोरियम टैंक, जहाज और 120 फीट ऊंचे तिरंगे झंडे के साथ ही अन्य सैन्य उपकरणों को भी रखने की तैयारी चल रही है।
देश का पहला ‘सैन्यधाम ’ इसलिए भी खास है. क्योंकि, यहां उन वीर सैनिकों को याद किया जाएगा जो देश के लिए शहीद हो गए। भारतीय सेना में पूजे जाने वाले बाबा हरभजन सिंह और बाबा जसवंत सिंह के मंदिर भी यहां बनकर तैयार किए गए हैं। यहां शहीद बिपिन रावत की प्रतिमा को भी स्थापित किया गया है और हमारे विमान और सेना के टैंक भी वीरता के प्रतीक के रुप में स्थापित किया गया हैं। 91करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से करीब 4 हेक्टेयर में बनाए गए सैन्यधाम में शहीदों के नाम भी लिखे गए हैं।
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प्रधानमंत्री के संभावित आगमन को देकते हुए उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी सैन्य धाम में तैयारी का जायजा लेने के कई बार आ चुके हैं। उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड में यह स्थल भी एक महत्वपूर्ण स्थली में शामिल होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि भविष्य में इसके महत्व को देखते हुए देश दुनिया के लोग न केवल गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शनों के साथ देहरादून में ‘ सैन्य धाम’ के रूप में स्थापित सैन्य धाम को भी देखने आएंगे।
