- बंदी के इलाज में लापरवाही का मामला
- जेल अधीक्षक व चिकित्सक कोर्ट में हुए तलब
- बंदी के समुचित इलाज के लिए जेल अधीक्षक ने मांगा समय
लखनऊ/सुल्तानपुर। जिला कारागार में निरुद्ध बंदी दयाराम का सही ढंग से उपचार न होने से जुड़े मामले में शनिवार को प्रभारी जिला जज संतोष कुमार की अदालत में जेल अधीक्षक प्रांजल अरबिंद व सम्बंधित चिकित्सक व्यक्तिगत रूप से तलब हुए,जिन्होंने बंदी के उपचार के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश किया। फिलहाल कोर्ट उनकी रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं दिखी और कड़ी फटकार लगाई। जेल अधीक्षक ने बंदी को उच्च मेडिकल संस्थान में भर्ती कराने व समुचित इलाज की व्यवस्था कराने के लिए कोर्ट से समय की मांग किया। जिस पर अदालत ने उन्हें शीघ्र समुचित इलाज की व्यवस्था कराने का आदेश देते हुए आठ अक्टूबर को उपचार से जुड़े सभी रिकार्ड तलब किया है।
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चांदा थाना क्षेत्र के सुलतान शहीद- वैतीखुर्द के रहने वाले आरोपी दयाराम व उनके पुत्र राजेंद्र एवं अन्य के खिलाफ दहेज की मांग को लेकर तीन सितम्बर 2024 को विवाहिता की हत्या करने का आरोप लगा है। मामले में आरोपी ससुर दयाराम जिला कारागार में निरुद्ध है,जिनके अधिवक्ता ने जिला जज की अदालत में अर्जी देकर गंभीर बीमारी से परेशान होने का तर्क रखते हुए उचित उपचार के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए जाने की मांग की थी। जेल से भेजी गई आख्या के मुताबिक आरोपी दयाराम को जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
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मामले में बंदी दयाराम के इलाज व उसके स्वास्थ्य के बारे में कोई स्थिति स्पष्ट न होने की बात पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने जेल अधीक्षक व संबंधित चिकित्सक को व्यक्तिगत रूप से तलब कर जवाब मांगा था,जिस पर जेल अधीक्षक व चिकित्सक शनिवार को हाजिर होकर कोर्ट को अपना स्पष्टीकरण पेश किया,लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखी। मामले की सुनवाई के दौरान बंदी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ,फिलहाल अदालत ने बंदी की तबियत को लेकर सुनवाई करना जायज समझा और जेल अधीक्षक व अन्य से पुनः समुचित उपचार के लिए कड़ा आदेश जारी किया है।

