अवमानना ​​नोटिस का जवाब नहीं देने पर बाबा रामदेव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने योग गुरु बाबा रामदेव को पतंजलि आयुर्वेद के ‘भ्रामक’ विज्ञापनों के मामले में उनके खिलाफ अदालत की अवमानना ​​कार्रवाई के तहत जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल नहीं करने पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का मंगलवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के जवाब दाखिल करने में विफलता पर नाराजगी व्यक्त की और उनके बारे में कहा कि वे विज्ञापन के मामले में प्रथम दृष्ट्या दोषी करार दिए गये थे।

इस पर उनका पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कड़ी आपत्ति जताई। पीठ ने रोहतगी से कहा कि आप हमारे आदेशों की अवहेलना कैसे कर सकते हैं…पहले हमारे हाथ बंधे हुए थे। पीठ ने उनसे कहा  कि आप नोटिस का जवाब नहीं दे रहे और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। शीर्ष अदालत ने रोहतगी की राहत देने संबंधी तमाम दलीलें खारिज करते हुए कहा कि आदेश में संशोधन का कोई सवाल ही नहीं है। शीर्ष अदालत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर 29 फरवरी को सुनवाई करते हुए संबंधित कंपनी और उसके MD आचार्य बालकृष्ण को कारण बताओ अवमानना ​​नोटिस जारी करते हुए कहा था कि पूरे देश को धोखा दिया जा रहा है।

पीठ ने केंद्र सरकार को विज्ञापन मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई नहीं करने लिए फटकार लगाई थी और कहा था कि चेतावनी के बावजूद भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने पतंजलि को बीपी, मधुमेह, अस्थमा और कुछ अन्य बीमारियों से संबंधित सभी विज्ञापन जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने कथित तौर पर भ्रामक विज्ञापन जारी रखने के लिए पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक (MD) आचार्य बालकृष्ण को अदालत की अवमानना ​​का कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

पीठ ने कहा था कि अदालत बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना कार्रवाई ​​मामले में पक्षकार बनाएगी, क्योंकि दोनों की तस्वीरें विज्ञापन में हैं। शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को कई बीमारियों के इलाज के लिए उसकी दवाओं के विज्ञापनों में “झूठे” और “भ्रामक” दावे करने के लिए पिछले साल नवंबर में आगाह किया था। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा था कि याचिका 2022 में दायर की गई थी। सरकार आंखें मूंद कर बैठी हुई है। दो साल तक इंतजार के बाद भी कानून के अनुसार कार्रवाई नहीं की गई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपनी याचिका में एलोपैथी दवा को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए बाबा रामदेव और अन्य (Patanjali Ayurveda) के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई थी। (वार्ता)

Delhi Uncategorized

रवांडा नरसंहार की याद में जगमग हुआ कुतुबमीनार

शाश्वत तिवारी नई दिल्ली। अफ्रीकी देश रवांडा में साल 1994 में हुए खौफनाक नरसंहार की 30वीं बरसी पर वहां के लोगों के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए भारत ने रविवार को ऐतिहासिक कुतुब मीनार को रवांडा के झंडे के रंग की रोशनी से जगमग किया। इसके अलावा विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि […]

Read More
Delhi

इंडिया समूह की रैली ‘भ्रष्टाचार और परिवार बचाओ’ रैली: BJP

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित इंडिया समूह की लोकतंत्र बचाओ रैली को “भ्रष्टाचार और परिवार बचाओ रैली” करार दिया है और कहा है कि ‘मोदी हटाओ’ के लक्ष्य पर काम करने वाले विपक्ष का जनता के हित और देश का विकास से कोई सरोकार नहीं है। BJP […]

Read More
Delhi

लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं मोदी : आप

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक-एक करके विपक्ष की सभी सरकारों को अस्थिर करने और उनके खिलाफ आवाज उठाने वालों को जेलों में डाला जा रहा है। आप के नेता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने यहां […]

Read More