राजधानी में लीजिए भदोही की कालीन और मेरठ का ट्रैक शूट

  • पुरानी जेल रोड स्थित जेल मुख्यालय परिसर में बना आदर्शकृति आउटलेट
  • बरेली का फर्नीचर, रामपुर का बल्ब, ज्ञानपुर जेल की डोर मैट आकर्षण का केंद्र

आरके यादव

लखनऊ। भदोही की कालीन, मेरठ का ट्रैक शूट और बरेली का फर्नीचर अब आप राजधानी लखनऊ में खरीद सकते हैं। जेल मुख्यालय ने प्रदेश की जेलों में कैदियों के हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए परिसर में आदर्शकृति के नाम से आउटलेट खोल रखा है। पुरानी जेल रोड स्थित सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर में खुले इस आउटलेट से यह वस्तुएं आसानी से खरीदी जा सकती है। प्रदेश सरकार के वन डिस्ट्रिक वन प्रोडेक्ट के तहत प्रदेश की जेलों में जिले की पहचान बनाने वाले उत्पादों की बिक्री पहले से की जा रही है। इस कड़ी में प्रदेश की जेलों में कैदियों की हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने और कैदियों को अधिक मेहनताना दिलाने के लिए जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने परिसर में आउटलेट खोला है। वर्तमान समय मे इस आउटलेट में प्रदेश की करीब एक दर्जन से अधिक जेलों के उत्पाद बिक्री के लिए मौजूद हैं। भदोही की ज्ञानपुर जेल में बनने वाली कालीन और डोर मैट उपलब्ध है। 400 रुपए से लेकर तीन हजार रुपए तक की कालीन और ढाई सौ रुपए की कीमत वाले डोर मैट है। इसी प्रकार केंद्रीय कारागार वाराणसी के गमछ़े, चादर, दरी, छड़ी और अचार भी आउटलेट में मौजूद है। कैदियों के हस्तनिर्मित यह गमछे सवा सौ रुपए, चादर 220 रुपए, दरी 250 से 350 रुपए और अचार 90 रुपए में बेचा जा रहा है। आउटलेट में ड्राइंग रुम की सजावट के लिए गाजियाबाद और इटावा जेल की हस्तनिर्मित पेटिंग भी है। इनकी कीमत 1500 से 2000 तक है। घर की शोभा को बढ़ाने के लिए बरेली में शीशम की निर्मित टेबल-कुर्सी है। इसकी कीमत एक हजार से पांच हजार तक है।

आदर्शकृति में ट्रैक शूट की खासी मांग है। मेरठ जेल में खेलकूद के सामान के साथ बंदी ट्रैकशूट भी तैयार करते है। इन ट्रैकशूट की कीमत 550 रुपए से लेकर 1250 रुपये तक है। रामपुर जेल में निर्मित किए गए बल्ब, स्टेबलाइजर व इंर्वटर भी आउटलेट की शोभा को बढ़ा रहे है। इसके अलावा बंदियों के हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए खोले गए आउटलेट में आगरा-बरेली जेल के चकला-बेलन, केंद्रीय कारागार नैनी का बुकसेल्फ, राजधानी के आदर्श कारागार की स्टेशनरी व कुर्ता, फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार में बनाया गया गार्डन छाता भी बिक्री के लिए उपलब्ध है।

जेल पहुंच जाता कैदियों का मेहनताना

जेल मुख्यालय में कैदियों के हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री करने वाले जेलकर्मी ने बताया कि आउटलेट पर होने वाली बिक्री का ब्यौरा राजधानी के आदर्श कारागार भेजा जाता है। आदर्श कारागार से प्रदेश जिस जेल के जितने उत्पाद की बिक्री हुई उसकी धनराशि चेक के माध्यम से जेल को भेजी जाती है। जेल प्रशासन के अधिकारी कैदियों की निर्मित उत्पादों का मेहनताना बंदियों को सौंपते है। उधर जेल मुख्यालय के एक वरिष्ठï अधिकारी ने बताया कि प्रदेश भर की जेलों के उत्पादों को एक छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिए यह आउटलेट खोला गया है।

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