उमेश तिवारी
नौतनवा/महराजगंज। नेपाल स्थित भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में जाने वाले पर्यटकों से बुद्ध सर्किट के द्वार पर ही नेपाल कस्टम टैक्स वसूल रहा है। किसी भी पर्यटक के पास अगर सौ रुपया से अधिक मूल्य का सामान जांच में मिल रहा है तो उसे कस्टम शुल्क भरने को कहा जा रहा है। इससे पर्यटकों में निराशा है। नेपाल होटल व पर्यटन से जुड़े लोग इस मामले में सरकार को प्रभावी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, जिससे नेपाल का पर्यटन कारोबार को नुकसान नहीं पहुंचे।नेपाल की एक बड़ी आबादी भारत मे हिन्दू तीर्थ स्थल और बुद्ध स्थलों के दर्शन के लिए आते हैं। वहीं बहुत से नेपाली विदेश यात्रा भारत के हवाई मार्गो से कामकाज या पर्यटन के लिए जाते हैं।
इसके अलावा 145 देश के लोग इस स्थल मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। अब इनको पर्यटक एरिया से खरीदे गए यादगार सामानों के लिए टैक्स देना पड़ रहा है। जिसकी चारों और निंदा हो रही है। समाजसेवी सोनू साहू ने बताया कि जहां एक तरफ हवाई मार्ग से काफी छूट है वहीं दूसरी तरफ स्थल मार्ग से आने वाले नेपालियों के लिए सिर्फ 100 नेपाली की छूट है। यह भारतीय तथा विदेशी पर्यटकों संग न्याय नहीं है। थाई 960 टेंपल सोनैली के मैनेजर राजेश शुक्ला ने बताया भारत से बहुत से पर्यटक दोनों देशो की धार्मिक यात्रा पर जाते हैं। वह बहुत से यादगार सा मान खरीदते हैं और सोनौली से नेपाल जाने में उनके सामानों पर कस्टम ड्यूटी ली जा रही है। व्यापारी नेता सुबाष जायसवाल, विजय रौनियार का कहना है यह नियम भारत-नेपाल की सीमा पर जबरदस्ती नेपाल के कुछ व्यापारियों और कस्टम विभाग के अधिकारियों द्वारा थोपा गया है। इस कारण इस सीमा से पर्यटक अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।