कविता : हमारा जीवन बाँसुरी जैसा होता है,

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र

जब मित्रता टूट जाती है, संसार
में सच्चे इंसान तब दुःखी होते हैं,
झूठे इंसान दुख के समय मित्र को
छोड़ कर दूर दूर खड़े नज़र आते हैं।

प्राय: ऐश्वर्य की अधिकता में मित्रों
और शत्रुओं की वृद्धि हो जाती है,
वहीं ज्ञान और विवेक जब बढ़ जाये,
तो बस मित्रों की संख्या बढ़ जाती है।

जीवन के खेल में नैतिकता वैसे ही
ज़रूरी होती है जैसे वजीर शतरंज
के खेल में बचा कर रखा जाता है,
इनके जाते ही सर्वनाश हो जाता है।

बाँसुरी में कई छेद क्रम से होते हैं,
और वह अंदर से खोखली होती है,
पर बाँसुरी से संगीत श्रवण होता है,
हमारा जीवन बाँसुरी जैसा होता है।

आदित्य मानव जीवन में जब प्रकृति
के सभी सामाजिक, नैसर्गिक व
नैतिक नियमों का पालन होता है,
तब सुचारू पूर्वक आगे बढ़ता है।

 

Litreture

नये संसद भवन का उद्घाटन

नये संसद भवन का उद्घाटन, चुने हुये प्रधानमंत्री कर रहे हैं, पर विपक्षी बहिष्कार कर रहे हैं, चूँकि राष्ट्रपति आमंत्रित नहीं हैं। संसद जनता की प्रतिनिधि सभा है, सांसद क्षेत्र का प्रतिनिधि होता है, राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है, प्रधानमंत्री संसद का नेता होता है। सांसदों को यहीं संसद चलानी है, आज नहीं तो कल […]

Read More
Analysis Litreture

भूरी आंखो वाली लड़की

  समीक्षक-डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी भूरी आंखों वाली लड़की शरद आलोक जी की कहानी है ,जो डेढ़ दशक के यूरोपीय देश में प्रवास के दौरान जीवन की स्मृतियों का चित्रण है । प्रस्तुत कहानी हजारों वर्ष पूर्व भारत के पश्चिमोत्तर राजस्थान, पंजाब प्रांत के मूल निवासी मानने वाले घुमंतू रोमा समुदाय जो अफगानिस्तान से […]

Read More
Litreture

मानवता से बड़ा धर्म नहीं होता है,

यह कटु सत्य है कि अपने स्वार्थ में बिना रिश्ते के रिश्ता बन जाता है, और जरूरत नहीं, तो बना बनाया रिश्ता भी बोझ सा लगने लगता है। भरोसा इंसान का स्वभाव होता है, परंतु यह दुनिया बड़ी अजीब है, कोई भरोसा पाने के लिए रोता है, और कोई भरोसा करके रोता है। जीवन जीना […]

Read More