सपा-बसपा ने अधिकतर जातियों के साथ अन्याय किया,
लखनऊ । कांग्रेस सत्ता में आते ही जातिगत जनगणना के आधार पर सबको अपनी आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी देगी। आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को भी नये आंकड़ों के हिसाब से बदला जायेगा। BJP जहाँ आरक्षण विरोधी है वहीं सपा और बसपा जैसी पार्टियों ने सामाजिक न्याय के नाम पर अधिकतर जातियों के साथ अन्याय किया है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 94 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब संविधान लागू हुआ तभी से RSS इसका विरोधी रहा है। क्योंकि यह संविधान सभी जातियों को बराबरी का दर्जा देता है। इसीलिए उस समय भी RSS ने संविधान के बजाये मनुस्मृति लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद BJP सरकारें आरक्षण को कमज़ोर करके वैदिक काल की वर्ण व्यवस्था को फिर से लागू करने की कोशिश कर रही हैं। जिसमें ज़मीन और ज्ञान अर्जित करने का अधिकार शुद्रों और अछूतों को नहीं था। इसीलिए वो 2011 में आये जातिगत जनगणना की रिपोर्ट को पेश नहीं कर रही है। उसे डर है कि लोग यह जान जाएंगे कि मोदी और योगी राज में संसाधनों पर उन लोगों का क़ब्ज़ा ज़्यादा है जिनकी आबादी कम है।
उन्होंने कहा कि मनुवादी व्यवस्था में दलितों को ज़मीन रखने का अधिकार नहीं था इसीलिए दलितों की ज़मीनों को गैर दलितों के नहीं खरीद सकने के नियम में बदलाव कर दिया गया है। उसी तरह विश्वविद्यालयों में आरक्षित सीटों पर सवर्ण तबकों के लोगों की भर्ती कर दी जा रही है। ताकि उन्हें शिक्षा और नौकरी से दूर रखा जा सके। यह सब पिछड़ों और दलितों को मुस्लिमों के खिलाफ़ खड़ा करके किया जा रहा है। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सपा और बसपा ने आरक्षण के नाम पर सिर्फ़ कुछ खास जातियों को ही मजबूत किया। जिससे नाराज़ हो कर बाकी जातियाँ BJP के साथ चली गयीं। लेकिन BJP से उन्हें कुछ नहीं मिला क्योंकि BJP मूल रूप से आरक्षण विरोधी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ सभी पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को आकर अपनी आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी लेनी चाहिए।