
15 एडीओ पंचायत के मार्च माह के वेतन आहरण पर लगाई रोक, डीपीआरओ से स्पष्टीकरण तलब
नन्हें खांन
देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज जिला स्वच्छता समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक में डीएम ने सख्त तेवर अख्तियार करते हुए 15 एडीओ पंचायत के मार्च माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। साथ ही शासन की मंशानुरूप जनहित में कार्य न करने वाले एवं शासकीय कार्यों में रुचि नहीं लेने वाले 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके लापरवाह एडीओ पंचायत एवं पंचायत सचिवों की स्क्रीनिंग करा सेवा समाप्त कराने के संबन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि शासकीय कार्यों में रुचि नहीं लेने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2022 23 में कुल 8301 लाभार्थियों का व्यक्तिगत शौचालय निर्माण कराया जाना था, जिसके सापेक्ष 5,792 लाभार्थियों को धनराशि उनके खाते में अंतरित की जा चुकी है।
डीएम ने शेष 2,509 आवेदनों के विषय में जानकारी मांगी जिसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला। डीएम ने लापरवाही का उत्तरदायित्व तय करते हुए समस्त 15 एडीओ पंचायत के मार्च माह के वेतन आहरण पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।ओडीएफ प्लस मॉडल गांव के अंतर्गत चयनित 48 ग्राम पंचायतों में बंन रहे लिक्विड एवं सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट फेसिलिटी सेंटर की प्रगति पर भी जिलाधिकारी ने गहरा असन्तोष व्यक्त किया। इस योजना के अंतर्गत 5000 से अधिक आबादी एवं इससे सटे हुए राजस्व ग्रामों में सामुदायिक एवं व्यक्तिगत स्तर पर खाद गड्ढे, कचरा पात्र, प्लास्टिक बैंक, कूड़ा वाहन एवं ठोस अपशिष्ट संग्रहण केंद्र का निर्माण कराया जाना है। इसी प्रकार तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु सामुदायिक एवं व्यक्तिगत सोख्ता गड्ढे का निर्माण, यू-टाइप नाली, नालियों पर सिल्ट कैचर एवं फिल्टर चेंबर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
जनपद के लिए चिन्हित 48 ग्राम पंचायतों में महज तीन ग्राम पंचायतों (नूनखार, लवकनी तथा घाटी) में उक्त कार्य को पूर्ण किया गया है, जबकि मार्च 2023 तक सभी चयनित ग्राम पंचायतों में कार्य को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित था। जिलाधिकारी ने परियोजना के निर्माण में लापरवाही मिलने पर डीपीआरओ सहित समस्त एडीओ पंचायत से स्पष्टीकरण तलब किया है।जिलाधिकारी ने डीपीआरओ से सामुदायिक शौचालय की उपयोगिता एवं वास्तविक स्थिति के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। जिलाधिकारी ने गोबरधन परियोजना की भी समीक्षा की। उन्होंने पिपरा चंद्रभान बृहद गौ संरक्षण केंद्र में बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए पूर्व में चयनित संस्था मेसर्स आनंद इंजीनियर, डिबियापुर को ब्लैक लिस्ट करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया। उक्त संस्था की लापरवाही की वजह से बायोगैस संयंत्र का निर्माण प्रारंभ होने में विलंब हुआ है।
समिति ने भागलपुर ब्लॉक एवं बनकटा ब्लाक में प्लास्टिक बैंक बनाने की संभावना पर भी विचार किया।मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने जनपद के 1,050 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन में प्रयोग के लिए क्रय की गई सामग्रियों (कुर्सी, मेज टेबल, कम्प्यूटर इत्यादि) के संबन्ध में प्रमाणपत्र देने के निर्देश दिया। बैठक में सीएमओ डॉ राजेश झा, ब्लॉक प्रमुख बनकटा बिंदा सिंह, जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, डीपीआरओ अविनाश कुमार, डीपीओ कृष्णकांत राय, जिला समाज कल्याण अधिकारी जैसवार लाल बहादुर सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।