उमेश तिवारी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की सरजमीं पर सक्रिय आतंकवादी संगठन अल-उमर मुजाहिदीन के चीफ कमांडर मुश्ताक जरगर उर्फ लटराम की श्रीनगर स्थित प्रॉपर्टी कुर्क कर ली है। बता दें कि जरगर वही आतंकवादी है, जिसे कुख्यात आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के प्रमुख मसूद अजहर के साथ 1999 में रिहा कर दिया गया था। भारत में इन आतंकियों को रिहा कराने के लिए 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 814 (IC 814) को अपहृत कर लिया गया था। इस उड़ान के यात्रियों के बदले इन आतंकियों को छोड़ा गया।
बता दें कि 814 (IC 814) को अपहृत करने से पहले 1989 में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण में भी जरगर शामिल था। श्रीनगर के गनई मोहल्ला ‘जामिया मस्जिद’, नौहट्टा इलाके में जरगर का दो मंजिला मकान है। इस घर को UAPA के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है। जब इस मकान को कुर्क किया गया तो उस वक्त एनआईए की एक टीम, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ मौजूद रही। जरगर UAPA अधिनियम के तहत एक ‘नामित व्यक्तिगत आतंकवादी’ है। भारत से उसकी रिहायी के बाद वह पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। पाकिस्तान में बैठकर वह कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित करता रहा है।
जरगर पहले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा था। उसे जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार बताया गया था। आतंकी हमलों के जरिए विभिन्न लोगों की हत्याओं एवं दूसरे जघन्य अपराधों में भी उसका हाथ रहा है। जांच एजेंसी के मुताबिक, जरगर का संबंध वैश्विक आतंकी संगठन अल-कायदा और जेएम जैसे अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ रहा है। जरगर को केंद्र सरकार ने UAPA की चौथी अनुसूची के तहत आतंकवादी घोषित किया था। वह श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में पला-बढ़ा है। बाद में वह जेकेएलएफ में शामिल हो गया। 1989 में वह रुबिया सईद का अपहरण करने वाले सदस्यों में से एक था। उसे 15 मई 1992 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 31 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 का काठमांडू से अपहरण होने के बाद उसे जेल से रिहा कर दिया गया था।