भारत में शादी करने के बाद बीवी को अपने देश नहीं ले जा पा रहे भूटान के लड़के, सरकार मांग रही 1200 रुपये रोज

उमेश तिवारी

काठमांडू/नेपाल। भारत का व्यक्ति अगर भूटान जाता है तो उसे भूटान का ही गाइड साथ में रखना होगा। इसके अलावा हर शख्स को हर दिन 1200 रुपये एसडीएफ यानी ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस’ देनी होगी। भूटान से एक अजीबोगरीब जानकारी सामने आई है। क्या कभी आपने सुना है कि शादी के बाद भी लड़के पत्नी को अपने साथ घर नहीं ले जा पाए? शायद नहीं लेकिन भूटान के लड़को के साथ ऐसा ही हो रहा है। लड़के भारत में शादी करने के बाद भी बीवी को घर नहीं ले जा पा रहे है, जिसकी वजह से लड़की को शादी के बाद भी अपने मायके में ही रहना पड़ रहा है।

ससुराल ले जाने के लिए भूटान की सरकार हर दिन एसडीएफ के रूप में 1200 रुपये ले रही है। ऐसा ही 40 साल की छोकी वांगमो के साथ हो रहा है जो अक्सर सरहद पार अपने पति का इंतजार करती हैं। जानकारी के मुताबिक छोकी वांगमो की शादी 2019 में हिमाचल प्रदेश के पुष्पेंद्र सिंह से हुई थी। पुष्पेंद्र भूटान के फुंतशो लिंग में काम कर रहे हैं। पुष्पेंद्र सिंह भारतीय नागरिक हैं। इसके साथ ही उन्हें भूटान में काम करने के लिए वर्क परमिट मिला हुआ है। हर तीन महीने पर उन्हें अपने वर्क परमिट को रिन्यू कराना पड़ता है। वहीं, छोकी भूटान में पारो की रहने वाली हैं।

2019 में हुई थी पुष्पेंद्र सिंह मुलाकात

छोकी ने बताया कि पुष्पेंद्र से शादी करने के लिए उनके बड़े भाई खिलाफ थे। उन्होंने बताया कि उनके बड़े भाई को ऐसा लगता था कि शादी के बाद वह अपने पति और बच्चों को यहां की नागरिकता नहीं दिला पाएंगी और इसकी वजह से वह परेशान रहेंगी, लेकिन छोकी को प्यार के आगे कुछ नहीं दिखा। छोकी ने बताया कि उनके मामा हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक बौद्ध मंदिर में लामा हैं। वह 2019 में उनसे मिलने मनाली गई थी। जहां उनकी मुलाकात रिकोंगपीओ में पुष्पेंद्र सिंह से हुई थी।

​छोकी ने कहा कि उन्होंने पुष्पेंद्र से शादी करने की बात को तुरंत मान लिया। दोनों के धर्म अलग होने के बावजूद भी उनके प्यार में मजहब बिल्कुल आड़े नहीं आया। छोकी बौद्ध हैं और पुष्पेंद्र सिंह हिन्दू, छोकी ने बताया कि वह चाहती हैं कि उनके पति उनके साथ घर पर रहें, लेकिन पुष्पेंद्र अगर पत्नी के साथ पारो जाएंगे तो उन्हें हर दिन एसडीएफ यानी ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस’ के तौर पर 1200 रुपए देने होंगे। हालांकि भूटान पहले भारतीयों से एसडीएफ नहीं लेता था, लेकिन पिछले साल सितंबर में कोविड के बाद भूटान पर्यटकों के लिए खुला, तो भारतीयों पर भी एसडीएफ लगा दिया गया।

15-15 सालों से मैरिज सर्टिफिकेट का कर रहे हैं इंतजार

छोकी ने बताया कि अगर भूटान से उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाता है तो उनके पति को एसडीएफ नहीं देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा, क्योंकि लोग भारतीयों से शादी करने के बाद 15-15 सालों से मैरिज सर्टिफिकेट का इंतजार कर रहे हैं। यह हालात सिर्फ पुष्पेंद्र और छोकी की ही नहीं, बल्कि कई लोगों की है। जानकारी के मुताबिक अगर कोई भारत का व्यक्ति 10 दिनों के लिए भूटान जाता है, तो उसे 10 दिनों तक भूटान का ही एक गाइड साथ में रखना होगा। इसके लिए उस गाइड को हर दिन 1500 रुपए देने होंगे। इसके अलावा हर शख्स को हर दिन 1200 रुपए एसडीएफ देने होंगे। वहीं अगर भूटान के लोग भारत आते हैं तो उनके लिए ऐसा कोई भी नियम नहीं है। वे आराम से भारत आ सकते हैं और चाहे जितने दिन भी भारत के किसी भी हिस्से में रह सकते हैं।

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