कांग्रेस विधायक की जगह हर कार्यक्रम में बनाए जाते हैं, मुख्य अतिथि
महराजगंज। मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि स्थानीय स्तर पर किसी भी सरकारी कार्यक्रम में स्थानीय विधायक ही मुख्य अतिथि होगा,वह चाहे जिस दल का हो। हैरत है कि महराज जिले के फरेंदा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां स्थानीय अधिकारियों द्वारा सरेआम उड़ाई जा रही है। महाराजगंज जिले के फरेंदा तहसील अंतर्गत भैंरी वासी नर्सरी में यूपी सरकार के द्वारा बनवासी लोगों को भूमि का अधिकार देने के का निर्णय हुआ था। इसी क्रम में उक्त गांव के भूमिहीनों को जमीनों का पट्टा वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में नियमत: क्षेत्रीय विधायक की सहभागिता होनी चाहिए।
फरेंदा विधानसभा क्षेत्र के विधायक वीरेंद्र चौधरी कांग्रेस के हैं। लेकिन कांग्रेस विधायक को इग्नोर कर तहसीलदार फरेंदा व वन विभाग के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में वतौर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक बजरंग बहादुर सिंह को आमंत्रित किया। उप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव त्रिभुवन नारायन मिश्र ने तहसील प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कृत्य संविधान और संवैधानिक व्यवस्था दोनों के खिलाफ है। वर्तमान विधायक किसी दल का हो संवैधानिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री,मंत्री, सांसद के बाद किसी सरकारी कार्यक्रम का मुख्य अतिथि वर्तमान विधायक ही हो सकता है।
चाहे वह कांग्रेस का हो या भाजपा का यह फर्क किसी अधिकारी को करने का अधिकार नहीं है पूर्व विधायक के द्वारा सरकारी पट्टे का वितरण तहसीलदार के उपस्थिति में गैर संवैधानिक तथा विधि विरुद्ध है अगर अधिकारी किसी दल के एजेंट के रूप में काम करना शुरू कर देंगे तो संविधान और लोकतंत्र दोनों समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि तय करने का अधिकार किसी अधिकारी को कहां से मिलता है? वर्तमान निर्वाचित जनप्रतिनिधि को नजरअंदाज कर पूर्व विधायक से संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन का अधिकार उनको नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, कमिश्नर को पत्र भेजकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। कार्यवाही नहीं होने पर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए आंदोलन भी होगा।