नव वर्ष मनाने लाखों भारतीय पंहुचे नेपाल
राजेश जायसवाल
भैरहवा/नेपाल। नव वर्ष मनाने के लिए पूर्वांचल के जिलों के युवाओं की पहली पसंद नेपाल है। नेपाल जाने के लोगों के अलग अलग मायने होते हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों में नेपाल भारतीयों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से मुफीद नहीं रहा फिर भी विदेश के नाम पर भारतीयों की पसंद नेपाल है। कोविड के बाद से नेपाल का पर्यटक उद्योग प्रभावित हुआ है। दो तीन वर्षों के नव वर्ष का यह पहला मौका है। जब भारतीय युवा नेपाल के लिए उमड़ पड़े हैं। हाल यह है कि पोखरा और काठमांडू के बड़े से लेकर मध्यम श्रेणी के होटल पैक है। काठमांडू जाने वाले भारतीयों की पहली पसंद थमे ल होता है।
काठमांडू वैली का यह ऐसा हिस्सा है जो रात भर जगता है। यहां के डांस बार युवाओं को अपनी ओर खींचती है। नेपाल टूरिस्ट विभाग ने भी इस बार थमेल को बहुत आकर्षक ढंग से सजाया है। यहां के सारे होटल पैक है। थमेल ही नहीं काठमांडू के कैसिनो भी भारतीयों के खास पसंद होते हैं। कहना न होगा नेपाल के आकर्षक स्थल नव वर्ष हो या कोई और अकीजन अपेक्षाकृत इस रोज भारतीयों का नेपाल जाना बढ़ जाता है। अभी हाल तक सोनौली सीमा से भारतीय वाहनों की संख्या जहां 300 से 400 तक थी,वह 31ता. को बढ़ कर 600 से 700 हो गई।
नेपाल जाने वाली पर्यटकों की भीड़ शनिवार को सोनौली सीमा पर देखने को मिली। भारत के कोने कोने से नेपाल में नए वर्ष को उत्सव मनाने हजारों लोग पंहुच रहे हैं। नेपाल के बेलहिया कस्टम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार चार पहिया वाहनों का भंसार कराने वाले लोगों की संख्या प्रतिदिन के हिसाब से दोगुना रहा । आम दिनों मे चार पहिया वाहनों के भंसार के कागजात करीब तीन सौ बनाए जाते थे लेकिन 31 दिसंबर को भारतीय चार पहिया वाहनों की 700 सौ तक पहुंच गई।
लखनऊ, कानपुर, बनारस, दिल्ली, राजस्थान आदि जगहों से नेपाल जाने वाले पर्यटक संजय, संतोष, नितिन, आशुतोष, स्वाति सिंह ,गरिमा सिंह, मंजू अभिषेक का कहना है कि सीमा पर नेपाल जाने के लिए टूरिस्ट ऑफिस से जानकारी मिली की तमाम होटल जो उनके मनपसंद थे वह पहले से ही बुक हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में हम लोगों को किसी दूसरे होटल में ही गुजारा करना पड़ेगा । नव वर्ष के उपलक्ष्य में तमाम पर्यटक नेपाल के पोखरा पाल्पा,काठमांडू,चितवन,सुपा देवलाली,जनकपुर सहित नेपाल के भिन्न-भिन्न स्थानों पर घूमने के लिए गए।