जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सुनवाई ना होने पर पीड़ित महिला ने आत्महत्या करने की कही बात
लखनऊ । वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के करसड़ा गांव में BJP नेता अशोक चौरसिया सत्ता के दम पर जमीन कब्जा करने में लगे हैं। शिकायत पत्र के आधार पर डीएम जांच कर उचित कार्रवाई करने के दे सकते है निर्देश BJP के नेता अशोक चौरसिया पर सत्ता का नशा जमकर हावी हो चुका है और ये नेता सत्ता के दम पर जमकर दबंगई कर रहे हैं। ताजा मामला राजातालाब तहसील के करसड़ा गांव का है। यहां BJP नेता अशोक चौरसिया द्वारा पीड़ित करसड़ा निवासी छाया देवी के जमीन पर अवैध निर्माण करवाने के साथ ही जमीन पर कब्जा कर लिया है।
कुछ वर्ष पहले पुलिस की मौजूदगी में हुआ निर्माण
निर्माण पुलिस की मौजूदगी में होता रहा और पुलिस की पीआरवी मौके पर खड़े होकर BJP नेता के पक्ष में कब्जा करवाती दिखी। वहीं, पीड़ित महिला ने इस पूरे मामले की शिकायत एसडीएम से लेकर जिले के आलाधिकारी तक की लेकिन BJP नेता और सत्ता के दबाव के आगे सब नतमस्तक दिखे। BJP नेता ने 24 घंटे के अंदर एक बड़ी दीवार का निर्माण करवाकर अपनी ताकत का एहसास करवा दिया। और पुलिस प्रशासन कार्रवाई करने से बचते रहे। प्रदेश और जिले स्तर के जिम्मेदार आला अफसरों से पीड़िता ने लगाई मदद की गुहार मीडिया से बातचीत के दौरान करसड़ा निवासी पीड़ित महिला छाया देवी ने बताया कि मेरे पति व देवरो की भूमिधरी है।
जो BLW वाराणसी से चुनार मुख्य रोड पर स्थित है। और सरकारी नक्शा खसरा खतौनी में दर्ज है। मेरे विपक्षी अशोक कुमार चौरसिया की भूमि BLW चुनार रोड मुख्य रोड से 400 से 500 मीटर दूरी स्थित है सरकारी नक्शा खसरा खतौनी में दर्ज है अशोक कुमार चौरसिया जो वर्तमान में सत्तापक्ष भाजपा के बड़े नेता हैं। और मेरे भूमि का किसी अन्य से स्वयं व अपने परिजनों उपरोक्त के नाम बैनामा करा लिए हैं। जिसके निरस्तीकरण का वाद सिविल कोर्ट में चल रहा है।
अशोक कुमार चौरसिया अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग करके मेरे खेत में लगे पेड़ों को कटवा रहे हैं। खेत पर जबरदस्ती कब्जा कर रहे हैं। मना करने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। जिससे हमारा पूरा परिवार डरा हुआ है। जिससे हमारी व हमारे खेत को पेड़ों की रक्षा किया जाना आवश्यक है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि अशोक चौरसिया मेरी जमीन को किसी अन्य दबंग व्यक्ति को बेचने की फिराक में लगे हुए हैं।
करवाई के नाम पर कहीं सिर्फ खानापूर्ति तो नहीं?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है। कि जहां पर सूबे की सरकार खुद भू माफियाओं पर शिकंजा कसने में रात-दिन एक किए हुए हैं। तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी के ही संसदीय क्षेत्र में भाजपा नेता सत्ता का दुरुपयोग करके पीड़ित महिला की जमीन को अधिग्रहण करने में लगे हुए हैं। अब देखना यह है कि खबर चलने के बाद पीड़ित महिला के साथ न्याय होता है। या फिर सत्ता का दुरुपयोग करके पीड़ित महिला और उनके परिवार का शोषण होता है। कहीं ऐसा ना हो कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सत्ता पक्ष के नेता के प्रभाव में आकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर मामले को टरका देते हैं।