रंजन कुमार सिंह
सोमवार का दिन बिहार की राजनीति के लिए बड़ा खास दिन रहा। बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह की बेटी की सगाई में एक तरफ अदावत खत्म कर सीएम नीतीश कुमार पहुंचे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, वित्त मंत्री विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा और मंत्री सुमित सिंह समेत राजनीति के कई दिग्गज शामिल हुए। नीतीश कुमार आनंद मोहन सिंह को देखकर मुस्कुराए, जिसके बाद कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच अब रिश्ते सामान्य हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सबसे बड़ी जो तस्वीर सामने आई, वह पप्पू यादव और आनंद मोहन सिंह के गले मिलने की थी। दुश्मनी छोड़ 30 साल बाद दोनों बाहुबली गले मिले। सगाई में सम्राट चौधरी समेत बीजेपी के भी कई नेता भी पहुंचे थे। पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह अपनी एकलौती बेटी की सगाई पर पैरौल पर निकले हैं। सगाई कार्यक्रम पटना में आयोजित था।
बिछड़े भाई की तरह मिले दो बाहुबली
पप्पू यादव का जहां उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह से गर्मजोशी से हुई मुलाकात की तस्वीर अब खूब वायरल हो रही है। दोनों इस तरह गले मिले, जैसे एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी नहीं बिछड़े भाई हैं। इस दौरान आनंद मोहन सिंह पप्पू यादव की पीठ थपथपाते नजर आए। भरत मिलाप के बाद दोनों नेता मंच पर पहुंचे, तो पप्पू यादव ने सिर झुकाकर आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद से भी आशीर्वाद लिया। इस दौरान लवली आनंद भी पप्पू यादव के सामने हाथ जोड़े नजर आईं। आनंद मोहन सिंह बार-बार पप्पू यादव की बांह पकड़ कर भाईचारा दिखाते नजर आए।
पप्पू यादव ने साझा किया फोटो
पप्पू यादव ने इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा-‘आज पटना मैं पूर्व सांसद आनंद मोहन की इकलौती सुपुत्री सुरभि आनंद जी की रिंग शिरोमणि में शामिल हुआ। इस पावन अवसर पर बिटिया को आशीष दिया और उनके सफल वैवाहिक जीवन की कामना की। इस मौके पर लंबे अरसे बाद आनंद मोहन जी से भी मुलाकात का अवसर मिला।’
सगाई में पहुंचे नीतीश, क्या खत्म हो गई अदावत?
पूर्व सांसद की बेटी सुरभि आनंद की रिंग सेरेमनी में शामिल होने के लिए आनंद मोहन को 15 दिनों की पैरोल मिली है। इसके बाद वह जेल से बाहर आए हैं। आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद की सगाई राजहंस के साथ हुई है। सुरभि आनंद दिल्ली हाईकोर्ट में वकील है। वहीं उनके होने वाले पति राजहंस मुंगेर के रहने वाले हैं, वे आईआरएस हैं। सुरभि की सगाई में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, विजय कुमार चौधरी, संजय झा, सुमित कुमार सिंह, लेसी सिंह, पूर्व मंत्री कांती सिंह, विधानपरिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी, मेहबूब अली, अरुण कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, पप्पू यादव, अवधेश सिंह, अखलाख अहमद, ऋषि कुमार, अशोक सिंह, संजीव कुमार सिंह, सुनील सिंह समेत तमाम दिग्गज नेता शामिल हुए।
बाहुबली का दिखा जलवा
जिस तरह आनंद मोहन सिंह की बेटी की सगाई में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता पहुंचे उसके बाद बिहार में सियासी सरगर्मी तेज है और कहा जा रहा है कि आनंद मोहन का आज भी वही जलवा है, जो 90 के दशक में हुआ करता था।
राजद विधायक हैं आनंद मोहन के बेटे
इससे पहले जब आनंद मोहन सिंह जेल से बाहर निकले थे, तब पत्नी लवली आनंद समेत हजारों लोगों ने आनंद मोहन का स्वागत किया था। जेल से बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि शुभ काम से बाहर निकले हैं। सबको आजादी अच्छी लगती है। जितने दिन बाहर रहूंगा समर्थकों और सभी अपील है कि मेरा साथ दें। आनंद मोहन ने कहा कि ये अस्थाई मुक्ति है। इसमें बहुत कुछ बंधा हुआ है। आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और उनका बेटा चेतन आनंद अभी आरजेडी में हैं। चेतन आनंद आरजेडी के विधायक हैं।
जेपी का चेला बना बाहुबली
आनंद मोहन सिंह बिहार के सहरसा जिले के पचगछिया गांव के रहने वाले हैं। 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान वह दो साल जेल में भी रहे। 80 के दशक में आनंद मोहन सिंह बाहुबली नेता बन चुके थे। 1990 के विधानसभा चुनाव में आनंद मोहन जनता दल के टिकट पर महिषी से चुनाव लड़े और कांग्रेस के लहटन चौधरी को 62 हजार से ज्यादा वोट से हराया। 1994 में आनंद मोहन के दोस्त छोटन शुक्ला की हत्या के बाद सब कुछ बदल गया।