डायरी के आधार पर हुई शव की पहचान
करीबियों पर गहरा रहा शक
मृतक के मोबाइल फोन नंबर के जरिए कातिलों की तलाश
अलग अलग दिशाओं में पुलिस की टीमें रवाना
मोहनलालगंज क्षेत्र में हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। दीपावली की पहली और दूसरी रात जब पूरा शहर त्योहार की खुशियां मना रहा था, तभी मोहनलालगंज क्षेत्र में कृष्णा नगर स्थित महाराजा जी पुरम में रहने वाले 62 वर्षीय मर्चेंट नेवी से रिटायर नन्दलाल तिवारी की बदमाशों ने गला रेतकर मौत की नींद सुला कर सनसनी फैला दी। उनका खून से लथपथ शव बुधवार सुबह करीब नौ बजे खुजहटा गांव के बाहर झाड़ियों में मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते तमाम लोगों की भीड़ जमा हो गई। हत्या किसने और क्यों कीॽ अभी साफ़ नहीं हो सका है। पुलिस वारदात के पीछे पुरानी रंजिश का मामला मानकर जांच पड़ताल कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए दिया गया है। पुलिस इस मामले में करीबियों सहित कई दिशाओं में पड़ताल कर रही है। पुलिस संदेह के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर
मूल रूप से जौनपुर जिले के बदलापुर निवासी 62 वर्षीय नन्दलाल तिवारी मर्चेंट नेवी में कार्यरत थे और राजधानी लखनऊ में कृष्णा नगर क्षेत्र स्थित महाराजा जी पुरम में रहते थे। नन्दलाल तिवारी का खून से लथपथ शव बुधवार सुबह करीब नौ बजे मोहनलालगंज क्षेत्र के खुजहटा गांव के बाहर झाड़ियों में पड़ा मिला। पुलिस को इसकी जानकारी तब हुई जब स्थानीय लोगों ने फोन कर बताया। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान मृतक की जेब से एक डायरी मिली जिसके आधार पर शव की पहचान हुई। उन्होंने कहा कि मौके से खून से सना दो चाकू, चश्मा, डायरी, आधार कार्ड व पेन कार्ड मिला है। मौके से मिले चाकू से यही लग रहा है कि बदमाशों ने पहले पीटा फिर गला रेतकर मौत की नींद सुला दिया। जांच पड़ताल में जुटी पुलिस का कहना है कि मामले की गहनता से छानबीन की जा रही। वहीं पुलिस का यह भी कहना है कि प्रथम दृष्टया वारदात के पीछे पुरानी और आपसी रंजिश की आशंका जताई जा रही है।
निवासी कृष्णा नगर के और लाश मिली मोहनलालगंज मेंॽ
मोहनलालगंज क्षेत्र में रहने वाले नन्दलाल तिवारी का खून से लथपथ शव मिलने के बाद मौके पर पहुंचे हर किसी को एक ही सवाल बेचैन कर रहा है कि आखिर नन्दलाल तिवारी यहां चलकर आए या फिर किसी ने बुलाकर मौत की नींद सुला दिया। शव के और घटना स्थल के हालात देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि रिटायर्ड मर्चेंट नेवी के जवान नन्दलाल तिवारी जान बचाने के लिए संघर्ष किया, लेकिन कातिलों के आगे घुटने टेक कर रह गए।
वहीं जानकारों की मानें तो नन्दलाल तिवारी की हत्या के पीछे करीबियों पर ही शक गहरा रहा है। माना जा रहा है कि हत्या भाड़े के बदमाशों से कराई गई है, लेकिन तानाबाना किसी करीबी ने ही बुना। पुलिस जमीन के विवाद समेत कई बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है, लेकिन अभी तक हत्यारों का सुराग नहीं लगा पाई है।