रतन गुप्ता
काठमांडू। नेपाल के संसद और विधानसभाओं के चुनाव में नेपाल में व्याही भारतीय बेटियां भी भाग्य आजमा रही हैं। मधेश के चुनाव क्षेत्रों में तो उनकी अधिकता है ही, पहाड़ के कई चुनाव क्षेत्रों में विभिन्न राजनीतिक दलों ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। कई तो स्वतंत्र उम्मीदवार की हैसियत से भी चुनाव मैदान में हैं। बता दें कि नेपाल में संसद और विधानसभाओं के चुनाव 20 नवंबर को है। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने जातीय और क्षेत्रीय आधार पर उम्मीदवार तय किए हैं। नेपाल में व्यापी भारतीय बेटियों पर सबसे अधिक भरोसा मधेशी दलों ने जताया है। आरक्षण की वजह से महिला क्षेत्रों में महिला उम्मीदवार की अनिवार्यता के नाते भी महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका मिला है। प्रतिनिधि सभा का चुनाव लड़ रहीं पूर्व मंत्री जसपा के कद्दावर नेत्री रेणु यादव जसपा की ओर से स्टार प्रचारक भी हैं। रेणू यादव का मायके बिहार के मधेपुरा में है। इसी तरह सरिता गिरि भी जिसका मायके बेतिया जिला में हैं।
वे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में संसदीय क्षेत्र सिरहा जिला से चुनाव भाग्य आजमा रही हैं। इसी तरह मधेश क्षेत्र में सबसे अधिक मत से विधायक का चुनाव जीतने वाली सुरीता साह भी बागी उम्मीदवार के रूप में महोतरी जिला से लड़ रही हैं सुप्रीता शाह का मायका बिहार के मधुबनी शहर है। इस बार लोसपा ने इनको टिकट नहीं दिया है। जिला के जसपा के केन्द्रीय सदस्य गायत्री देवी साह भी जसपा से बागी उम्मीदवार के रूप में सर्लाही जिला से विधायक के लिए चुनाव लड़ रही हैं, उनका मायके बिहार के सीतामढ़ी जिला के सुरसंड प्रखंड के बारा धरहरबा गांव में है। राजविराज में वकालत करने वाली किरण साह जसपा की नेत्री हैं। जसपाने उन्हें विधायक के लिए समानुपातिक उम्मीदवार बनाया है। उनका मायका मधुबनी जिला के खुटौना बाजार में हैं। इसी तरह एक दर्जन से अधिक भारतीय बेटियां नेपाल के बिभिन्न क्षेत्रों से चुनाव लड़ रही हैं।