आए दिन हो रही घटनाओं से कानून व्यवस्था पर सवाल
कहीं आश्रम में तो कहीं आटो से अगवा कर दरिंदों ने इज्ज़त पर डाला डाका
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। विश्वस्तरीय मार्डन पुलिस कंट्रोल रूम, जगह – जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर अपराधों और अपराधियों पर लगाम कसने का दावा करने वाली राजधानी लखनऊ की हाईटेक पुलिस खोखली साबित हो रही है। आए दिन महिलाओं और लड़कियों के साथ दुष्कर्म जैसी संगीन घटनाएं हो रही हैं और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस पुलिस इन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। गौर करें तो राजधानी पुलिस की सक्रियता की पोल तो उसी दिन खुल गई थी, जब वर्ष 2014 में मोहनलालगंज क्षेत्र स्थित एक प्राथमिक विद्यालय परिसर में दरिंदों ने एक महिला के साथ दरिंदगी कर उसे बेरहमी से मौत की नींद सुला दिया।
यह तो बानगी भर है वर्ष 2015 में जानकीपुरम क्षेत्र की रहने वाली 12वीं की छात्रा के साथ गैंगरेप कर बदमाशों ने हजरतगंज क्षेत्र में कत्ल कर शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया। यही नहीं वर्ष 2018 पालीटेक्निक चौराहे से एक छात्रा को अगवा कर राजेश नाम के आटो चालक ने मड़ियांव क्षेत्र में लेजाकर मौत की नींद सुला दिया। सवाल है कि रविवार को विभूतिखंड क्षेत्र में हुई घटना ही नहीं इससे पहले भी कई बहू बेटियां वहशियों का निशाना बन चुकी हैं। वीवीआईपी कहे जाने वाले क्षेत्र विभूतिखंड में युवती के साथ हुई वारदात ने राजधानी में तेज़ी से बढ़ वहशियों के अड्डों के सवाल को भी खड़ा किया है। इससे पहले भी कई मासूम बच्चियां, महिलाएं व लड़कियां बेखौफ वहशियों का शिकार हो चुकी हैं।