हर रोज़ मारे जाते हैं दर्जनों से ज्यादा
इटौंजा में हुई दुर्घटना एक बार फिर बनी संबंधित विभाग की लापरवाही की गवाह
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। जल्दीबाजी कहें या फिर लापरवाही। इस भागमभाग की जिंदगी ने शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों की सूरत कुछ इस बदला है, जिसे देखकर और सुनकर दिल दहल उठता है। जरा सी चूक या फिर जल्दबाजी। वजह कुछ भी हो सकती है, लेकिन कड़वा सच यही है कि राजधानी लखनऊ सहित यूपी के अलग-अलग जिलों में कई सड़क हादसे हुए कि सड़कों पर बिखरी लाशें देख हर कोई सिहर उठता है। बीते साल सात अक्टूबर 2021 को बाराबंकी जिले के देवा कोतवाली क्षेत्र स्थित बबुरी गांव के पास दिल्ली से बहराइच जा रही डबल डेकर बस और बालू लदे ट्रक की भिड़ंत में एक दो नहीं 15 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। यह तो बस और ट्रक का मामला है इटौंजा क्षेत्र में सोमवार सुबह ट्रैक्टर ट्राली पर 47 श्रद्धालु सवार होकर कुंहारा गांव स्थित उनई देवी मंदिर दुर्गा मंदिर जाते समय कंटेनर से टक्कर होते ही ट्रैक्टर ट्राली तालाब में जा गिरी और उसमें सवार बच्चे, महिलाओं सहित दस श्रधालुओं की मौके पर ही मौत हो गई।
लापरवाही पर गौर करें तो कुछ वर्ष पहले चिनहट के धावा गांव निवासी टेल्को कर्मी महेश अपनी बेटी का मुंडन संस्कार करवाने के लिए रिश्तेदारों व गांव के अन्य लोगों के साथ लेकर ट्रैक्टर ट्राली से नैमिषाण्य गए थे। मुंडन संस्कार करवाने के बाद वापस लौट रहे थे कि अटरिया के पास पीछे से आ रहे तेज़ रफ़्तार ट्रक ने टक्कर मार दी और ट्रैक्टर ट्राली में सवार छह लोगों की मौत हो गई थी। यह सड़क हादसे तो बानगी भर हैं इससे पहले तथा हाल में कई लोगों की सड़क हादसों में जानें जा चुकी हैं। लखनऊ सहित यूपी के अलग-अलग जिलों में लगभग हर रोज़ ऐसी दुर्घटनाएं हो रही हैं। सड़कों का जाल बिछता जा रहा है, लेकिन उनकी देखरेख का अभाव व बदहाल यातायात व्यवस्था का खामियाजा भुगत रहे हैं, जिनके अपनों के खून से सड़कें रोज़ लाल हो रही हैं। जिस तरह से सोमवार सुबह इटौंजा क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्राली पर सवार 10 श्रधालुओं की मौत हुई तो एक बार फिर यातायात व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए।