फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए जरूर करें ये छह काम, बुढ़ापे तक आपके फेफड़े रहेंगे हेल्दी

अपने फेफड़ो पर अक्‍सर हम पर्याप्‍त ध्‍यान नहीं देते। हमें इनका ध्‍यान तब आता है जब सांस की किसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। हमारे फेफड़े शरीर के विभिन्‍न अंगों को ऑक्‍सीजन की आपूर्ति के समय कार्बन डाई आक्‍साइड को अलग करते हैं। हमारे फेफड़ों की हालत और सांस संबंधी समस्‍याओं के पीछे जेनेटिक, बीमारियां और पर्यावरण जैसे कई कारक होते हैं। इसी सब के मद्देनजर लोगों को फेफड़ों के स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में जागरूक करने के लिए दुनिया भर में 25 सिंतबर को व‍िश्‍व फेफड़ा दिवस मनाया जाता है। कोविड महामारी ने फेफड़ों के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर असमानता को जगजाहिर किया है। इसीलिए इस वर्ष विश्‍व फेफड़ा दिवस 2022 की थीम ”सभी के लिए लंग हेल्‍थ” रखा गया है। डाँ. श‍िवाली अहलावत, ऑनक्‍वेस्‍ट लेबोरेटरीज लिमिटेड, हेड नेशनल रेफरेंस लेबोरेटरी, गुरुग्राम व हेड ईस्‍ट एंड साउथ रीजनल लैब्‍स, स्‍वस्‍थ फेफड़ों के लिए ध्‍यान रखने योग्‍य बातें बता रही हैं।

फेफड़ों की देखभाल कैसे करें

01- ध्रूमपान को कहें ना धूम्रपान से वायुमार्ग के संकुचित होने से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इससे दीर्घावधि में फेफड़ों में सूजन की शिकायत हो सकती है, जो लंग कैंसर व ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है। यह समय के साथ फेफड़ों के ऊतकों को भी नुकसान पहुंचाता है।

02- इंडोर पॉल्‍यूशन से बचें घर व कार्यस्‍थल पर प्रदूषक व पैसिव स्‍मोकिंग से फेफड़ा संबंधी समस्‍याएं शुरू अथवा गंभीर हो सकती हैं। अगर इंडोर पॉल्‍यूशन की वजह से स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कोई समस्‍या आ रही है तो शीघ्र किसी योग्‍य चिकित्‍सक की सलाह लेनी चाहिए।

03-आउटडोर पॉल्‍यूशन से खुद को बचाएं बाहर की हवा कई बार सांस लेने के लिए ठीक नहीं होती। हालांकि, हम बाहर के प्रदूषण के बारे में जानकार बनकर और आवश्‍यक कदम उठाकर खुद के स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा कर सकते हैं।

04- नियमित चेकअप जब आप खुद को स्‍वस्‍थ महसूस करते हैं, नियमित चेक अप आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। यह फेफड़ों से जुडी बीमारियों का पता लगाने में सहायक है, जिनका पता कई बार स्थिति गंभीर होने पर ही चलता है। योग्‍य चिकित्‍सक शरीर में सांस संबंधी समस्‍या की पहचान कर उसके निदान में मदद कर सकता है।

05- एक्‍सरसाइज आप किसी भी आयु, वजन या आकार के हों नियमित कसरत फेफड़ों को स्‍वस्‍थ रखने में मददगार है। खासकर ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करना फायदेमंद होता है।

06-जांच खून की जांच, इको, सीटी स्‍कैन, आर्टिरियल ब्‍लड गैसेज ABG),एंडोबॉनकाइल अल्‍ट्रासाउंड, पल्‍मोनरी फंक्‍शन टेस्‍ट (PFTs), एक्‍स-रे और वेंटिलेशन परफ्यूजन स्‍कैन कुछ टेस्‍ट हैं, जिन्‍हें फेफड़ा संबंधी समस्‍याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है। हमारे फेफड़े शरीर से कार्बन डाई ऑक्‍साइड और कार्बन मोनोआक्‍साइड को अलग रखने में ही मदद नहीं करते बल्कि शरीर में ऑक्‍सीजन के प्रवाह को बनाए रखने में भी मददगार हैं। इसके अलावा हमारा प्रतिरक्षा तंत्र भी हमारे फेफड़ों पर निर्भर है। इसलिए ऐसे हानिकारक तत्‍वों को हमारे शरीर में प्रवेश करने व बीमार बनाने से रोककर भी हम खुद को स्‍वस्‍थ रख सकते हैं। (BNE)

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