अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोषी पाते हुए सजा के साथ लगाया पंद्रह 15.15 हजार रुपये का अर्थदंड
वर्ष 2018 में विवाहिता की जलने से हुई थी मौत खेसरहा थाना क्षेत्र के बरनवार गांव का है मामला
सिद्धार्थनगर। विवाहिता को दहेज के लिए जिंदा जलाने के मामले में अपर एवं सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को मामलेसुनवाई कठोर फैसला सुनाया सांचौर गवाहों के बयान के आधार पर मां और बेटे को 10 साल के कठोर कारावास और 15, 15 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि ना देने पर सजा बढ़ाई जाएगी। मामला चार वर्ष पुराना है। अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक वर्ष 29 अप्रैल 2018 संदीप निवासी खलरिया थाना वाल्टरगंज जनपद बस्ती ने खेसराहा पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनकी बहन की शादी जनपद सिद्धार्थनगर के खेसरा थाना क्षेत्र के बनवार गांव निवासी आकाश के साथ हुई थी। शादी से दो वर्ष बाद आकाश के अलावा उसकी मां जगमता लगातार बहन को प्रताड़ित कर रहे थे। मारते पीटते थे। इस मामले की शिकायत बहन द्वारा हमसे कई बार की गई। जब हमने पति और उनकी सास से इस बारे में कहा तो उन्होंने हमको भी गाली दिया। धमकी भी दी।
इसी बीच बहन को बेरहमी से मारेपीटे और कमरा बंद करके आग के हवाले कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। एक व्यक्ति के द्वारा मामले की जानकारी हमें दी गई । जब खेसरा सरकारी अस्पताल पर पहुंचे तबतक अधिक जलने की वजह से बहन की मौत हो चुकी थी। पीड़ित की तहरीर के आधार पर खेसरहा पुलिस ने दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए चार्ज शीट न्यायालय में दाखिल किया था। मामले की सुनवाई चल रही थी। बुधवार अपर एवं सत्र न्यायाधीश कामेश शुक्ल ने मामले की सुनवाई की। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर मां और बेटे दोनों को दोषी पाया गया। जिसके आधार पर पति आकाश और सास जगमता को 10 ,10 वर्ष के कठोर कारावास और 15 15 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाया है। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर अर्थदंड की राशि नहीं देते हैं तो आगे सजा भी बढ़ाई जाएगी। 4 चार साल चले सुनवाई के बाद बिटिया को न्याय मिला तो परिवार के लोग खुश हुए और न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताया।