उमेश तिवारी
नेपाल के सीमावर्ती रुपनदेही जिले में धड़ल्ले से खोले जा रहे कैसीनो भारतीयों के लिए बर्बादी का सबब बन रहे हैं। सोनौली व महराजगंज जिले के नौतनवा कस्बा के कई परिवारों के सदस्य कैसीनो के जुए की लत में पड़ कर कर्ज में डूब गए हैं या फिर उन्हें अपने मकान व भूमि को बेचना पड़ा है। कोरोना काल में कैसीनो बंद होने से कई भारतीय परिवार राहत की सांस लिए थे। लेकिन इधर कोविड के मद्देनजर स्थितियां सामान्य होने से फिर कैसीनो खुल गए हैं। जो भारतीय नागरिकों को बर्बाद करने का सबब बने हैं।
सिर्फ भारतीयों को ही मिलता है प्रवेश
कैसीनो में जारी नियम कानून से पता चलता है कि उनके रडार पर सिर्फ भारतीय हैं। आधार कार्ड व निर्वाचन कार्ड दिखाकर कैसीनो में सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही प्रवेश दिया जाता है। कैसीनो में भारतीय व नेपाल की मुद्रा स्वीकार की जाती है। नेपाली नागरिकों को कैसीनो में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
मुफ्त में परोसी जाती है शराब
कैसीनो में भारतीयों को मुफ्त की शराब व बियर परोसी जाती है। नौतनवा व सोनौली के कई लोग पहले तो मुफ्त शराब व चखने की लालच में कैसीनो में इंट्री कराते हैं। फिर नशा होने पर वह जुए की लत में फंस अपनी रकम गवां देते हैं।
जारी हुए हैं वीआइपी पास
नियमति व प्रति माह पांच लाख से अधिक की रकम का जुआ खेलने वाले भारतीयों के लिए कैसीनो संचालकों ने वीआइपी पास जारी किए हैं। इसके अलावा भारतीयों को गुमराह कर कैसीनों में लाने वाले दलालों को मोटी कमीशन दी जाती है।
क्या कहते हैं लोग
नौतनवा के समाजसेवी नंदलाल जायसवाल का कहना है कि नेपाल में कैसीनो के कारण भारतीय नागरिकों पर इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। नौतनवा में कई ऐसे घर हैं, जिनके परिवार के लोग कैसीनों में जुआ खेल कर बर्बाद हो चुके हैं। विकास दुबे ने कहा कि जुआ अपने आप में बहुत खराब नशा है। लोग घर का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। लोगों को इससे बचने के लिए जागरूक करने की भी आवश्यकता है।