सामाजिक

Litreture

कविता:  पर परिंदों पर ही अच्छे लगते हैं

यह वक्त वक्त की ही बात है कि, जब होता है तो काटे नहीं कटता, और जब नहीं होता है वक्त अपना, तब साथ देने वाला कोई नहीं होता।   पर परिंदों पर ही अच्छे लगते हैं, क्योंकि इंसान के पर निकलते ही, उसके अहंकार में वृद्धि हो जाती है, इंसान की बर्बादी शुरू हो […]

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homeslider International

12 August, International youth Day: स्थायी विकास के लिए सारी पीढ़ियों में एकजुटता जरूरी

रंजन कुमार सिंह आज ‘इंटरनेशनल यूथ डे’ है। इस दिन का मकसद है, समाज की तरक्की में युवाओं के योगदान को याद करना। और, युवाओं से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना। अच्छी नीतियों के लिए राह बनाना। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सस्टेनेबल विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए जरूरी है कि सब मिलकर साथ […]

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Analysis

अली सरदार ज़ाफरी: कल्पना और यथार्थ का बेमिसाल शायर

डेथ एनिवर्सरी: एक August 2000 रंजन कुमार सिंह सन्‌ 29 नवम्बर 1913 ई. को जन्म लेने वाले प्रसिद्ध शायर अली सरदार जाफ़री के लिए निश्चित ही नवम्बर एक यादगार महीना रहा होगा। सरदार का जन्म गोंडा ज़िले के बलरामपुर गाँव में हुआ था और वहीं पर हाईस्कूल तक उनकी शिक्षा-दीक्षा भी हुई थी। आगे की […]

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