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Litreture

कविता : बन्द मुट्ठी सवा लाख की,

बन्द मुट्ठी सवा लाख की, खुल गयी तो ख़ाक की, कहावत कितनी प्रसिद्ध है, अपने आप से यह सिद्ध है। बन्द मुट्ठी में जो कुछ भी होता है, इंसान तभी तक गुप्त रख पाता है, जब तक वह मुट्ठी नहीं खोलता है, खुलने से सत्य पता चल जाता है। बंद मुट्ठी पारिवारिक,सामाजिक एकता की भी […]

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कविता : बन्द मुट्ठी सवा लाख की

बन्द मुट्ठी सवा लाख की, खुल गयी तो ख़ाक की, कहावत कितनी प्रसिद्ध है, अपने आप से यह सिद्ध है। बन्द मुट्ठी में जो कुछ भी होता है, इंसान तभी तक गुप्त रख पाता है, जब तक वह मुट्ठी नहीं खोलता है, खुलने से सत्य पता चल जाता है। बंद मुट्ठी पारिवारिक,सामाजिक एकता की भी […]

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