Smiling

Litreture

काँटा काँटे से निकाला जाता है,

आग इतनी लगी है यहाँ कि, इन्सान इन्सान से जलता है, पूजा तो भगवान की करता हूँ, क़त्ल सुंदर फूलों का होता है। जाता हूँ मंदिर में पुण्य कमाने, पर पाप करके ही तो आता हूँ, गुनाह की क्षमा प्रभु से माँगता हूँ, पर दूसरा गुनाह करके आता हूँ। जीवन एक नाटक बन गया है, […]

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