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Litreture

कविता : मेरी छत पर ये तिरंगा रहने दो

मेरा दीपक हवा के खिलाफ कैसे और क्यों कर जलता है, क्योंकि मैं तो अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में शोर मत मचाओ, जाति धर्म के रंग में मत बाँटो मेरी छत पर ये तिरंगा रहने दो। रावण दहन के पहले रावण का निर्माण हम सब स्वयं करते हैं, आश्चर्यजनक है कि अपने अंदर छिपे […]

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