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छह दिसंबर पिशाचमोचन श्राद्ध: बीमारी या दुर्घटना में अकाल मृत्यु को प्राप्त परिजनों की मुक्ति हेतु किया जाने वाला श्राद्ध,
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता पिशाचमोचन श्राद्ध के दिन पिशाच (प्रेत) योनि में गये हुए पूर्वजों के निमित्त तर्पण आदि करने का विधान बताया गया है। 06 दिसंबर 2022 को पिशाचमोचन श्राद्ध किया जाना है। इस तिथि पर अकाल मृत्यु को प्राप्त पितरों का श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है। इस अवसर पर शांति के […]
Read Moreअनंग त्रयोदशी व्रत दूर करता है प्रेम विवाह में आ रही रुकावट
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता भगवान शिव के प्रमुख व्रतों में से एक है अनंग त्रयोदशी व्रत। ये व्रत शिव, पार्वती, कामदेव और रति को समर्पित है। मार्गशीर्ष माह में श्रीकृष्ण और शिव की आराधना उत्तम फलदायी मानी गई है। भगवान शिव के प्रमुख व्रतों में से एक है अनंग त्रयोदशी व्रत। ये व्रत मार्गशीर्ष और […]
Read Moreव्रतियों के सम्पूर्ण कल्याण का मार्गशीर्ष माह का मासिक शिवरात्रि व्रत आज,
जयपुर से राजेंद्र गुप्त हिंदू धर्म में पति की लंबी आयु, बच्चे के अच्छे स्वास्थ के लिए कई व्रत किए जाते हैं लेकिन एक ऐसा व्रत है जिसके प्रभाव से पूरे परिवार का कल्याण होता है। वह है मासिक शिवरात्रि। शिव की प्रित तिथि है मासिक शिवरात्रि जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी […]
Read Moreसीतापुर जेल में कैंटीन बिक्री से अफसर हो रहे मालामाल!
शासन की रोक के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा कैंटीन का संचालन जेल में प्रतिदिन बेचा जा रहा हजारों रूपये का पान-मसाला, सिगरेट व नशीले पदार्थ लखनऊ। शासन के निर्देश के बाद भी सीतापुर जेल में धड़ल्ले से कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। जेल कैंटीन में बंदियों को मनमाफिक दामों पर खानपान […]
Read Moreनवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता आज नवरात्रि का 6वां दिन है। आज मां नव दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कात्यायनी मां का स्वरूप सुख और शांति प्रदान करने वाला है। देवी कात्यायनी की पूजा सुबह किसी भी समय कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, […]
Read Moreश्राद्ध में सभी लक्षणों को पूरा करने वाला ब्राह्मण ही है स्वीकार्य, विकल्प से फल प्राप्ति संदिग्ध,
परमानंद पांडे आमंत्रित किए जाने वाले ब्राह्मणों की योग्यता पर धर्मग्रंथों में विस्तृत विचार किया गया है और उनकी श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। गृह्य सूत्रों में बहुत कम योग्यताएं वर्णित हैं, किन्तु स्मृतियों एवं पुराणों में निमंत्रित किए जाने वाले ब्राह्मणों की योग्यताओं में निरंतर वृद्धि होती गई। आश्वलायन गृह्य सूत्र, शांखायन गृह्य सूत्र, […]
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