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कविता : जीवन पल दो पल का खेला है

इक पल हक़ में हो होता है तेरे, इक पल ख़िलाफ़ हो जाता है, जीवन पल दो पल का खेला है, दुनिया आते जाते का मेला है। हक़ में हो तो ग़ुरूर मत करना, ख़िलाफ़ हो तो बस सब्र करना, जीवन सुख दुःख का इक रेला है, लाद लिया इस गठरी का ठेला है। दुनिया […]

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