#charity religion
Litreture
अब अपने मे जीता हूं मैं…
बहुत जिया औरों के खातिर, बहुत पिया है जहर अनादर, बहुत सहे हैं कांटे हमने, बहुत सहा है कटु संभाषण। अंतिम पल है जीवन का ये, अब तो नारायण जपने दो.. मुझको अपने मे रहने दो। बचपन गया जवानी आई, घर मे आई एक लुगाई, बच्चे हुए बाप बूढे थे, माता जी ने दया दिखाई। […]
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