Litreture
बालगीत : ठंढी आई ठंढी आई
बंदर,भालू,कुत्ता बिल्ली, सबको तो ठंडी है लगती। गाय भैस हाथी बकरी को, इनको भी तो ठंडी लगती।। पर इनकी मां ख्याल न करती। बिना किसी कपड़े के देखो। बाहर जाने को है कहती।। पर हमको स्वेटर पहना कर। मां बाहर जाने को कहती।। सुबह सांझ को ठंड बढ़ी है। दोपहरी में धूप सजी है।। दिन […]
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नवरात्रि पर विशेष कविता : शिव की शक्ति बनी नव दुर्गा
त्रिभुवन की रक्षा करती। दंडित कर आसुरी शक्तियों को जग मे मंगल करती।।१।। आओ कालरात्रि जगतारिणि गौरी उमा महामाया। महालक्ष्मी महासरस्वति तू ही दुर्गा जग माया।।२।। चंड मुंड ही विविध रूप धरि। शुभ निशुंभ सभी घेरे। रक्त बीज संग महिषासुर ये मुझको महाजाल घेरे।।३।। कभी रोग बन कभी शोक बन कभी क्लेश बन युद्ध करे। […]
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हिंदी दिवस के पूर्व संध्या पर प्राथमिक विद्यालय बिरैचा में हुआ विशेष कार्यक्रम
छात्रों ने निबंध, कविता, वाद विवाद प्रतियोगिता और कहानी लेखन में लिया हिस्सा महराजगंज। घुघली ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बिरैचा में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर विशेष कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने हिंदी निबंध, कविता, प्रश्नोत्तरी, वाद विवाद प्रतियोगिता और कहानी लेखन प्रतियोगिता में उत्साह से भाग लिया। इस अवसर पर बच्चों को […]
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ब्वाय फ्रेंड गर्ल फ्रेंड.. लिव इन रिलेशन लगा रहा संबंधो मे पलीता
व्यंग्य : विवाह संस्कार कठिन होता जारहा विवाह कटवा रहे हर युग में नौकरी न मिलना सबसे बड़ा कारण प्रतियोगी परीक्षाओं मे उम्र हो रहा हायल फिर भी तय शादी को काटने वाले हैं तत्पर सबसे बड़ा बैरी बना सोशल साईट शहर बेस्ड लड़की कर रहे लोग नापसंद बलराम कुमार मणि त्रिपाठी सतयुग मे […]
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स्वतंत्रता की 79वी़ वर्षगांठ पर दिल को मोह लेने वाली कविता, जरूर पढ़ें…
बलराम कुमार मणि त्रिपाठी आया दिन 15अगस्त का। स्मृतियों के द्वार खोलता।। बलिदानों बीरो की गाथा- के पन्ने हर साल खोलता।।1।। नफरत के जब बीज पनपते। धर्म जाति मे हम बंट जाते।। क्षणिक स्वार्थ मे तन्मय होते। तभी गुलामी मे फंस जाते।।2।। रक्त हमारा बहुत बहा है। धोखा बारंबार हुआ है।। कभी मुगल आकर घेरे […]
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Exclusive Poem: महाशक्ति का आह्वान
•बलराम कुमार मणि त्रिपाठी एक बार फिर आओ मां रणचंडी! बढ़े पाप को खा जाओ रणचंडी।। राक्षस कुल बढ़ते जाते हैं, पापी सभी कहर ढाते हैं। सत्य बोलने वाले डरते, ढोंगी अब बढ़ते जाते हैं।। भटक रहे है लोग, इन्हे सन्मार्ग दिखाओ!! महाश्मशान कालिके आओ! अट्टहास कर रोर मचाओ। जो नृशंश […]
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रक्षाबंधन: प्यार की शक्ति का एहसास
•बलराम कुमार मणि त्रिपाठी सावन की पूर्णिमा श्रावणी मनती। मध्य सरोवर खड़े कमर भर जल में।। जड़ीबूटियों से अभिमंत्रित होकर। वेद मंत्र से ऋषिगण पर्व मनाते।।1।। रक्षा बंधन की महिमा है न्यारी। युगों युगों से पुण्य पर्व है भारी।। पहले युग में राजा बलि सुविचारी। भुज बल में त्रिभुवन थी महिमा भारी।।2।। डरे […]
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स्मृति शेष: प्रमिला ताई मेढे मातृशक्ति ही राष्ट्र शक्ति
डॉ अर्चना तिवारी स्त्री ही राष्ट्रनिर्माण की आधारशिला है। इसी ध्येयवाक्य के साथ देश मे लगभग 90 वर्षों से कार्यरत राष्ट्रसेविका समिति भी ठीक उसी प्रकार से भारत की स्त्रियों के विकास में जुटी है। श्रद्धेय प्रमिला ताई जी इस संगठन की चतुर्थ मूल स्तंभ थीं। जिस प्रकार से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व्यक्ति निर्माण […]
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