- सीमा पर फिर सक्रिय हुआ तस्करों का नेटवर्क
- बैरिया घाट और नौसरडिया घाट के रास्ते बढ़ी तस्करी की चहलपहल
भैरहवा। भारत-नेपाल सीमा से सटे नेपाल के रूपंदेही जिले के मजगांवां थाना क्षेत्र में तैनात सशस्त्र प्रहरी बल के डीएसपी के तबादले के बाद तस्करों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, डीएसपी के कार्यकाल में महराजगंज जिले के नौतनवा और सोनौली कोतवाली थाना क्षेत्र की भारतीय सीमा के हरदी डाली, त्रिलोकपुर, मुर्दहिया घाट, सुंडी घाट और बैरिया घाट सहित विभिन्न मार्गों से होने वाली तस्करी पर कड़ा अंकुश लगा था।
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डीएसपी ने खाद, कपड़ा, गेहूं, हार्डवेयर, खरबूजे का बीज, मोटर पार्ट्स, मक्का और पोस्ता दाना, पूजा में प्रयोग होने वाली धूप की लकड़ी जैसे प्रतिबंधित सामानों की अवैध आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी थी।

डीएसपी की सख्त निगरानी और लगातार चौकसी के कारण तस्करों की मनमानी पर पूरी तरह लगाम लग गई थी। तस्करी रोकने की कार्रवाई के दौरान कई बार तस्करों से झड़प तक की नौबत आई। यहां तक कि कुछ जवानों पर हमला कर उनके हाथ तोड़ दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद डीएसपी ने तस्करी के खिलाफ अपने रुख में कोई ढील नहीं दी।
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हालांकि, डीएसपी के ट्रांसफर की खबर सामने आते ही सीमा से सटे इलाकों-त्रिलोकपुर, बोग़डीघाट, मर्जादपुर, कदमाहवां सहित कई गांवों में तस्कर फिर से सक्रिय हो गए हैं। नेपाली और भारतीय तस्करों के गठजोड़ के कारण सीमा पार तस्करी का नेटवर्क दोबारा फैलने लगा है। सूत्रों के अनुसार, अब खाद, कपड़ा, खरबूजे का बीज, हार्डवेयर और मोटर पार्ट्स, धूप की लकड़ी जैसी वस्तुओं की अवैध ढुलाई में अचानक वृद्धि हुई है। दिन हो या रात, सीमा के पगडंडी रास्तों पर तस्करों की आवाजाही बढ़ गई है।
