शाश्वत तिवारी
नई दिल्ली। भारत ने वैश्विक दक्षिण के देशों की सहायता और उन्हें सशक्त बनाने के अपने मिशन और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के अनुरूप, फिजी और तिमोर-लेस्ते को महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता भेजकर एक बार फिर एक विश्वसनीय विकास भागीदार के रूप में अपनी भूमिका का प्रदर्शन किया है। यह पहल स्वास्थ्य कूटनीति पर नई दिल्ली के फोकस और साझेदार देशों में सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के निर्माण पर उसके जोर को रेखांकित करती है।
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इस प्रयास के तहत फिजी को उसके राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम का समर्थन करने और जन स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने की उसकी क्षमता को मजबूत करने के लिए एंटी-रेट्रो वायरल (एआरवी) दवाओं की एक खेप भेजी गई है। ये दवाएं जीवन रक्षक उपचार तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित करने और प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र में स्वास्थ्य सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा ग्लोबल साउथ के साथ स्वास्थ्य साझेदारी को मजबूत किया जा रहा है। फिजी के स्वास्थ्य कार्यक्रम में सहयोग के लिए एंटी-रेट्रो वायरल (एआरवी) दवाओं की एक खेप भेजी गई है। भारत फ़िजी की जन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया और मानवीय जरूरतों में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी तरह तिमोर लेस्ते में एक जन स्वास्थ्य आपातकाल के जवाब में, भारत ने रेबीज वैक्सीन की 10,000 खुराक और रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन की 2,000 शीशियों की एक तत्काल खेप भेजी है, ताकि प्रकोप से निपटने में मदद मिल सके। एक अन्य पोस्ट में प्रवक्ता जायसवाल ने लिखा भारत ने तिमोर लेस्ते को रेबीज वैक्सीन की 10,000 खुराक और रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन की 2,000 शीशियों की एक तत्काल खेप भेजी है, ताकि प्रकोप से निपटने में सहायता मिल सके। भारत ग्लोबल साउथ के लिए एक विश्वसनीय स्वास्थ्य साझेदार और विश्वसनीय प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता बनने के लिए प्रतिबद्ध है।
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