बलिया। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के खिलाफ दस साल पुराने एक मामले में बलिया की एक स्थानीय अदालत ने गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने ये आदेश 2015 में धारा 144 लागू होने के बावजूद बलिया शहर के मालगोदाम रोड पर जाम लगाने और सार्वजनिक मार्ग को बाधित करने के सबंध में दिया गया है। स समय वे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष थे।
सरकार में परिवहन मंत्री और बलिया नगर विधायक दयाशंकर सिंह 2022 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। उनकी राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इस मामले की कानूनी और राजनीतिक दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अगली सुनवाई एक नवंबर 2025 को होनी है और इस दिन अदालत दयाशंकर सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय करेगी।
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इस घटना के संबंध में बलिया शहर कोतवाली के उप निरीक्षक सत्येंद्र राय ने नौ सितंबर 2015 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दयाशंकर सिंह, नागेंद्र पांडेय, व्यापारी नेता अरविंद गांधी सहित 17 नामजद और 100-150 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अदालत ने तीन जुलाई 2025 को दयाशंकर सिंह सहित 15 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। पिछली सुनवाई 30 अगस्त 2025 को हुई थी, और अगली सुनवाई की तारीख 13 अक्टूबर 2025 तय की गई थी। सोमवार को अदालत ने नागेंद्र पांडेय, अरविंद गांधी सहित आठ आरोपियों की हाजिरी माफी स्वीकार कर ली, लेकिन दयाशंकर सिंह सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।
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