चाचा नेहरू.. अमर रहे

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी
बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

 

बाल दिवस पर चाचा नेहरु।

बच्चों मे खो जाते थे।।

हंसते गाते खेल खेलते।

सबको गले लगाते थे।।१।।

यूं तो भारत के पीएम थे।

नई दृष्टि नव चिंतन था।।

आजादी के संघर्षों मे।

सत्याग्रह अपनाते थे।।२।।

गांधी की विचार धारा के।

चाचा नेहरू पोषक थे।।

कविता : चाहत और मंज़िलें

भारत के उत्थान के लिए।

हर पल चिंतन करते थे।।३।।

फर्राटे से भाषण करते ।

लिखते लेख बहुत सुंदर।।

पंचशील के पोषक थे वे।

थी निगाह हर धर्मों पर।।४।।

हर विचार का स्वागत करते।

विश्व शक्ति की धुरी रहे।।

सभी देश आदर करते थे।

लोक दृष्टि में सदा रहे।।५।।

सभी प्यार करते थे उनको।

चरखा नित्य चलाते थे।।

इंटरनेट के फायदे व नुकसान

नव गुलाब से रहे सुसज्जित।

गांधी कैप लगाते थे।।६।।

सबसे करते प्रेम कभी वह,

गुस्सा भी होजाते थे।।

मसनद फेंक मंच से देते‌।

प्रेम सभी का पाते थे।।७।।

स्वतंत्रता हित जेल गए वे।

लाठी भी खाई  जिसने ।।

ऐसे प्यारे चाचा नेहरू।

सब बच्चों के प्यारे थे।।८।।

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