- कौशल किशोर को हैट्रिक तो आरके चौधरी को जीत की तलाश
- बसपा की लड़ाई से भाजपा को मिल सकता लाभ
- मोहनलालगंज लोकसभा सीट
राकेश यादव
लखनऊ। पांचवे चरण के मतदान में अब मात्र आठ दिन का समय शेष बचा है। राजधानी लखनऊ से सटी मोहनलालगंज सीट पर प्रत्याशियों का प्रचार जोरशोर से चल रहा है। इस आरक्षित सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और इंडिया गठबधन के बीच दिखाई पड़ रहा है। इस सीट पर दो बार जीत हासिल कर चुके भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर को हैट्रिक लगाने की जुगत में लगे हुए है, वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन से सपा प्रत्याशी आरके चौधरी को जीत की तलाश है। आरके चौधरी 2014 में बसपा, 2019 के चुनाव में कांग्रेस और 2024 के चुनाव में इंडिया गठबंधन से सपा के टिकट पर मैदान में है। दो चुनाव में शिकस्त पा चुके आरके चौधरी इस बार जीत के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहते है। बसपा प्रत्याशी राजेश कुमार के मैदान में आने से इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
राजधानी लखनऊ से सटी मोहनलालगंज (आरक्षित) लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है। इस सीट पर 2014 और 2019 के चुनाव में जीत हासिल करने वाले कौशल किशोर पर एक बार फिर भाजपा ने विश्वास जताते हुए 2024 के चुनाव में मैदान में उतारा है। दो बार हार का मुंह देख चुके आरके चौधरी को इस बार इंडिया गठबंधन से सपा के टिकट पर प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने दोनों दलों का गणित उलझाने के लिए नए चेहरे राजेश कुमार प्रधान को मैदान में उतारा है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला तो भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच दिखाई पड़ रहा है। किंतु बसपा प्रत्याशी दोनों ही दलों के प्रत्याशियों का गणित बिगाड़ सकता है। इससे सबसे अधिक नुकसान इंडिया गठबंधन प्रत्याशी को होता नजर आ रहा है। दलित बाहुल्य सीट पर दलित मतों का विभाजन हुआ तो इस सीट पर चौकाने वाला परिणाम भी आ सकता है।
राजनीति के जानकारों और स्थानीय जनमानस की माने इस बार इस सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है। भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर ने पिछले दो चुनाव में लगातार जीत दर्ज करवाने वाले हैट्रिक लगाने की फिराक में है। भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज करने के बाद क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे जनता का उन्हे समर्थन मिल रहा हो। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी इस सीट का एक बड़ा हिस्सा शहरी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर क्षेत्र में दिखाई ही नहीं पड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनावी वैतरणी पार करने की फिराक में लगे भाजपा प्रत्याशी को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके लिए क्षेत्र के कई इलाकों में उन्हें जनता के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। इस विरोध के चलते उनके जीत की डगर आसान नजर नहीं आ रही है। यह अलग बात है कि वह मोदी के नाम पर जीत का सपना संजोए हुए हैं।
इंडिया गठबंधन से सपा प्रत्याशी आरके चौधरी इस सीट पर तीसरी बार किस्मत आजमा रहे है। वर्ष 2014 के चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े आरके चौधरी को भाजपा के कौशल किशोर ने भारी मतों के अंतर से पराजित किया था।
वर्ष 2019 के चुनाव में आरके चौधरी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे। जमीन से जुड़े नेता आरके चौधरी पर गठबंधन मे सपा के खाते में आई इस सीट पर उन पर भरोसा जताया है। क्षेत्र में आम जनमानस के बीच रहने वाले आरके चौधरी को चुनाव जीतने के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच होता दिखाई पड़ रहा है। बसपा ने इस सीट पर राजेश कुमार प्रधान को मैदान में उतारा है। दलित बाहुल्य इस सीट पर बसपा प्रत्याशी दोनों दलों के प्रत्याशियों में किसी का भी गणित बिगाड़ सकते है। इस सीट पर प्रमुख दलों के साथ कुल 11 प्रत्याशी मैदान में है। लेकिन लड़ाई भाजपा और सपा के बीच ही होती नजर आ रही है। इस सीट पर इस बार विजय किसको मिलेंगी। यह तो चार जून को पता चलेगा। फिलहाल कोई भी प्रत्यासी चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहा है।
सपा के बाद भाजपा ने सीट पर बनाया दबदबा!
मोहनलालगंज लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर डाले तो वर्ष 1962 से 1977 तक इस सीट पट पर कांग्रेस का दबदबा था। वर्ष 1977 से 1980 तक यह सीट लोकदल के पास रही थी। 1991 से 1998 तक इस सीट पर भाजपा और 1998 से 2014 तक इस सीट समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा था। 2014 और 2019 में इस सीट पर भाजपा के पास रही। 2024 के चुनाव में सीट पर सभी प्रत्याशियों को जीत के लिए जंग जारी है।
2019 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे आरके चौधरी
मोहनलालगंज लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीट आती है। राजधानी लखनऊ की मलिहाबाद, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, बख्शी का तालाब (बीकेटी) के अलावा सीतापुर की सिधौली विधानसभा सीट आती है। वर्ष 2014 में मोहनलालगंज सीट पर भाजपा के कौशल किशोर ने बसपा के आरके चौधरी को हराया था। भाजपा के कौशल किशोर को 4,55,274 और बसपा के आरके चौधरी को 3,09,858 वोट मिले थे। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा के कौशल किशोर को 6,29,748, बसपा के सीएल वर्मा को 5,39,519 और कांग्रेस के आरके चौधरी को 60061 वोट मिले थे।