पाक फुटबॉल टीम धुप्पल में  भारत से हारी ! दुबारा मैच हो !!

के. विक्रम राव


यूं तो भारत जब भी पाकिस्तान से जीतता है, बड़ा सुख मिलता है। हम आह्लादित हो जाते हैं। दिन में होली, रात दिवाली मनती है। मगर कल (बुधवार, 21 जून 2023) बेंगलुर के श्रीक्रांतिवीर स्टेडियम में भारत की पाकिस्तान पर दक्षिण एशियाई फुटबॉल चैंपियनशिप प्रतिस्पर्धा में जीत से पीड़ा हुई। ग्लानि हुई। खेल भावना का तकाजा था कि इस थकीमांदी, आक्लांत पाकिस्तानी टीम की याचना स्वीकार कर उन्हें अगले दिन खेलने का वक्त दे देते। कम से कम दिन भर का आराम तो मिल जाता। अनिच्छा से जबरन वे सब खेले। भारत समझ ले कि आसान विजय सस्ती होती है मगर शोभनीय कदापि नहीं। हालांकि पराजय हड्डी को चकमक पत्थर की भांति कठोर बना देती है। अभी और मैच पाकिस्तान को खेलने हैं।

ये पाकिस्तानी टीम लंबी हवाई यात्रा करके, मॉरीशस से मुंबई होते हुए, मैच के बस चंद घंटे पूर्व ही आधी रात को बेंगलुर पहुंची थी। पोर्टलुई (मॉरीशस) में भारतीय दूतावास से वीजा पाने में विलंब हुआ। मुंबई के सांताक्रुज एयरपोर्ट पर आव्रजन में समय लगा। फिर मुंबई पहुंचने पर बंगलोर की उड़ान में इन 32 लोगों को अलग-अलग जहाजों में सीटें दी गई। मैच शुरू होने के बस छः घंटे का वक्त रह गया था। भोर तक ये पाकिस्तान टीम बंगलूर होटल पहुंची थी। यूं तो इस टीम की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध था। पर आराम का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। दोनों चिरपरिचित प्रतिद्वंदियों में तीन वर्षों बाद यह मैच हो रहा था। पिछली बार 2018 में भारत ने पाकिस्तान को सेमीफाइनल में एक के मुकाबले मे तीन गोल से हराया था। यूं भी भारत बनाम पाकिस्तान मैच में हमेशा टिकटों की बिक्री अथाह होती है। कल भी स्टेडियम में 22,860 दर्शक हाजिर थे।

मगर ये खिलाड़ी उनींदी हालत में थे। रात भर आसमान में उड़ते रहने के कारण। उनके खेल से लग रहा था कि वे मानो केले के छिलके पर दौड़ रहे हों। डगमगाते हुए। खेल के पहले छठे मिनट में ही ईसा सुलेमान ने सिर से मारा मगर फुटबॉल गोलपोस्ट से बाहर निकल गई। अचरज लगा। यह ब्रिटेन में जन्मे 25-वर्षीय सुलेमान मशहूर एस्टन विला फुटबॉल क्लब (बार्मिंघम) का धाकड़ खिलाड़ी है। पाकिस्तान की अगली चूक, बड़ी बल्कि महंगी गलती, हुई थी गोलकीपर साकिब हनीफ के कारण। ठीक दसवें मिनट पर हनीफ बाल के साथ सीमांतर्गत ही ड्रिबल कर रहे थे। तभी भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने उनसे बाल छीनकर गोल दाग दिया। अर्जुन पुरस्कार और खेल रत्न से विभूषित छेत्री विश्व में तीसरे नंबर के गोल स्कोरर हैं। क्रिस्टीयानो रोनाल्डो तथा लाइनर मेस्सी के बाद। यूं बंगलोर में तो छेत्री अपने घरेलू मैदान पर ही खेल रहे थे। वे कर्नाटक में ही इंडियन सुपर लीग के सदस्य हैं। उन्होंने बंगाल के मोहन बगान (2002) से कैरियर प्रारंभ किया था। कल के मैच में उन्होंने तीन गोल ठोक कर हैट्रिक रचा। उधर दो भारतीय खिलाड़ी, पच्चीस साल के सादल अब्दुल समद (केरलवासी) और लालियान सुआला छंग्टे (महाराष्ट्र), ने अपनी टीम की विजय में भरपूर प्रभावी किरदारी निभाई।

इस मैच में एक अशोभनीय वारदात यह थी कि अपनी अतिउत्पाती आदत से भारतीय टीम के क्रोशियायी (यूरोपियन) कोच 56-वर्षीय ईगोट स्टिमेक को अभद्र व्यवहार हेतु दंड दिया गया। स्टिमेक ने उस समय अनावश्यक दखल दिया जब पाकिस्तान के अब्दुल्लाह इकबाल थ्रो-इन की तैयारी में थे। स्टिमेक ने खिलाड़ी के हाथों से गेंद रोकने की कोशिश की। इसकी पाकिस्तानी खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने निंदा की। रैफरी प्रज्वल छेत्री और अन्य मैच अधिकारियों को दोनों पक्षों को अलग किया। इसके बाद स्टिमेक को लालकार्ड दिखाया गया क्योंकि फुटबाल के नियमों के तहत विरोधी खिलाड़ी की कार्यवाई में जानबूझकर बाधा पहुंचाने पर यही सजा दी जाती है। इसके बाद पूरे मैच में स्टिमेक वहां खड़े नहीं रह सके और सहायक कोच महेश गवली ने उनका काम संभाला। स्टिमेक 53 बार विश्व मैचों में अपना हूनर दिखा चुके हैं। वे इंग्लैंड, स्पेन और युगोस्लाविया की ओर से खेले थे। ऐसा हादसा कभी होता नहीं। कोच को दूर ही रहना चाहिए था। यूं भी भारतीय टीम तो शुरु से ही जीत तो रही थी।

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