अनंग त्रयोदशी व्रत दूर करता है प्रेम विवाह में आ रही रुकावट

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता


भगवान शिव के प्रमुख व्रतों में से एक है अनंग त्रयोदशी व्रत। ये व्रत शिव, पार्वती, कामदेव और रति को समर्पित है। मार्गशीर्ष माह में श्रीकृष्ण और शिव की आराधना उत्तम फलदायी मानी गई है। भगवान शिव के प्रमुख व्रतों में से एक है अनंग त्रयोदशी व्रत। ये व्रत मार्गशीर्ष और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। ये दिन शिव, पार्वती, कामदेव और रति को समर्पित है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन व्रत कर शंकर-पार्वती की उपासना करने से प्रेम विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है। साथ ही यश, बल धन प्राप्त होता है।

अनंग त्रयोदशी व्रत की तिथि

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसम्बर के दिन सुबह 05:57 से आरम्भ होगा और अगले दिन 06 दिसम्बर के दिन सुबह 06:47 पर समाप्त हो जाएगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार अनंग त्रयोदशी व्रत 5 दिसम्बर के दिन रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव के वरदान से अनंग (अंग रहित) रूपी कामदेव ने द्वापर युग में श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न के रूप में जन्म लिया और शरीर पाया, तभी से ये व्रत किया जाने लगा। मान्यता है कि अनंग त्रयोदशी व्रत रखने से संतान प्राप्ति में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और दाम्पत्य जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।

अनंग त्रयोदशी व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि संतान की चाह रखने वाले पति-पत्नी को अनंग त्रयोदशी के दिन व्रत रखने से सुयोग्य संतान प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार ये दिन दांपत्य संबंधों को मजबूत करने का पर्व है। कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य, स्वास्थ और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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अनंग त्रयोदशी की पूजा विधि

अनंग त्रयोदशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पूरे की साफ-सफाई करें और सूर्योदय से पूर्व स्नान कर व्रत का संकल्प लें

सर्वप्रथम गणपति का पूजन करें। इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, गुड़, घी और शहद) से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवजी को चंदन, रोली, मौली, फूल, सफेद मिठाई, बेलपत्र चढ़ाएं। देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।

फिर हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्।। इस मंत्र का जाप करें।

अब कामदेव से अपनी मनोकामना पूर्ती के लिए प्रार्थना करें। संध्याकाल में आरती-अर्चना कर व्रत का पारण करें।

अनंग त्रयोदशी के दिन करें ये आठ उपाय, मिलेंगे कई लाभ

  1. अनंग त्रयोदशी व्रत पति-पत्नी के आपसी मर्यादित प्रेम का शालीन पर्व है। अत: सुहागिन महिलाओं को अनंग त्रयोदशी पर पूजन अवश्य करना चाहिए।
  2. अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम का दिवस माना जाता है। अत: इस दिन पत्नी अपने पति को कामदेव का प्रतिरूप मानकर पूजा करती है। कामदेव का एक अन्य नाम अनंग भी होने के कारण ही इस तिथि को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। इससे प्रेम में प्रगाढ़ता आती है।
  3. प्रेम विवाह में बाधा हो तो प्रेम संबंधों में सफलता के लिए शिव-पार्वती तथा कामदेव-रति का पूजन करके इस दिन उपवास रखकर शिवलिंग पर सिंदूर और सफेद पुष्प चढ़ा कर फलाहार लेना चाहिए और सायंकाल में ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा देने बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए।
  4. जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आ रही हो वे एक लोटे में दही, गुड़, दूध, घी और शहद का घोल तैयार करके शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ ही 13 सिक्के, सफेद पुष्प, सफेद नैवेद्य और बेलपत्र चढ़ाएं। ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें, सेहत में लाभ होगा।
  5. अनंग त्रयोदशी का दिन दाम्पत्य संबंधों को मजबूत करने का पर्व है। अत: इस दिन पूरे मनोभाव से शिवपार्वती और रतिकामदेव का पूजन करें।
  6. विवाह की इच्छा रखने वालों को अनंग त्रयोदशी के दिन शिवलिंग पर सिंदूर और सफेद पुष्प चढ़ाकर ‘ॐ उमा महेश्वराय नमः’ का जाप करना चाहिए।
  7. संतान की चाह रखने वाले पति-पत्नी को इस दिन शिव-पार्वती का पूजन करके सफेद चीजों को अर्पित करना चाहिए तथा 13 सिक्के समर्पित करके ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
  8. अपार धन प्राप्ति के लिए अनंग त्रयोदशी के दिन शिवालय में जाकर शिव जी की विशेष पूजन करें। उन्हें सफेद रंग फूल, बेलपत्र, केला, अमरूद और सफेद पेढ़े या अन्य सफेद मिठाई चढ़ाएं। शिव मंत्रों का ज्यादा से ज्यादा जाप करें।

 

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