बाबा केदारनाथ धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ किए गए बंद, छह महीने नहीं हो सकेंगे दर्शन

विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम के आज सुबह पूरे विधि विधान के साथ कपाट बंद किए गए। बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट को बंद किया गया था। वहीं आज दोपहर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे। ‌ भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया में सबसे पहले भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधि दी गई। इसके बाद ठीक सुबह 8:30 बजे केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ के लिए रवाना हो गई। पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज रात्रि प्रवास को रामपुर पहुंचेगी। पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी।

केदारनाथ धाम में खिली चटक धूप के बीच भक्त बाबा केदारनाथ की भक्ति में डूब दिखाई दिए। केदारनाथ के कपाट बंद होने के समय हर हर महादेव और भगवान शिव के जयकारों से केदारघाटी गूंज उठी। बता दें कि बदरीनाथ के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। सर्दियों में बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल अप्रैल-मई में फिर खोल दिए जाते हैं।चारधाम यात्रा के दौरान इस बार रिकार्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचे हैं। सरकारी आंकडों के अनुसार, इस साल 24 अक्टूबर तक 43 लाख 9 हजार 634 यात्री चारधाम दर्शन के लिए आ चुके हैं।

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