नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में साल 2016 में हुई नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर बुधवार 12 अक्टूबर को सुनवाई हुई। याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार और RBI से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। जिसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा कि वह सरकार के नीतिगत फैसलों की न्यायिक समीक्षा पर लक्ष्मण रेखा से अवगत है, लेकिन यह तय करने के लिए 2016 के नोटबंदी के फैसले की जांच करनी होगी कि क्या यह मुद्दा केवल अकादमिक अभ्यास बन गया है। पांच जजों के एसए नज़ीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब संविधान पीठ के सामने कोई मुद्दा उठता है, तो जवाब देना उसका कर्तव्य है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा कि जब तक नोटबंदी पर एक्ट को उचित तरीके से चुनौती नहीं दी जाती, तब तक यह मुद्दा अनिवार्य रूप से अकादमिक रहेगा। विमुद्रीकरण अधिनियम 1978 में कुछ उच्च मूल्य के नोटों के विमुद्रीकरण के लिए जनहित में प्रदान करने के लिए पारित किया गया था, ताकि अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक पैसों के अवैध ट्रांसफर की जांच की जा सके। (BNE)