- मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा : अंजली
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नौतनवां के बचपन स्कूल के बच्चों ने गुरुनानक जयंती का पर्व सेलिब्रेट किया। इस अवसर पर बच्चों को सिख धर्म, गुरुद्वारा, लंगर, सेवा आदि शब्दों से परचित कराया गया। बच्चों को बताया गया कि आज के दिन हम गुरुनानक देव के बर्थडे मनाते है।
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गुरुनानक जयंती को गुरपूरब भी कहते है। गुरुनानक देव ने मानवता, समानता, सेवा, समर्पण आदि शब्दों को बताया, सिखाया और उनका अनुकरण करने के लिये कहा। गुरुनानक देव जी सिख धर्म के प्रथम गुरु है। बच्चों ने इस अवसर पर विद्यालय में गुरुनानक देव के तस्वीर के सामने प्रार्थना किया और गुरुद्वारे में बैठने का सही तरीका सीखा। समस्त विद्यालय परिवार ने माथा ढक कर प्रार्थना किया। सबने एक साथ वाहेगुरु- वाहेगुरु बोलकर समस्त वातावरण को खुशनुमा और पॉजिटिव किया।
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डायरेक्टर अंजली ने सबको गुरपूरब की बधाई दी और कहा कि सबसे बड़ी सेवा मानव सेवा होती है और हम सबको जितना हो सके उतनी सेवा करनी चाहिए। सबको आपस में समानता और आदर की भावना रखनी चाहिये।उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से हम अपने बच्चों को एक अच्छा और सच्चा इंसान बनाने का प्रयास करते है। बच्चों में रियान, आरुही, अद्रीका, अनाया, ऐशनी, विनायक, अनन्या, सूर्यांश, मृदुल, देवांश, सानवी, सिया, आयुष, अथर्व, आरव, अविका, हर्ष, रुद्रांश, आदि उपस्थित थे। टीचर्स में तेजस्वी, वैष्णवी, मोनिका, प्रियंका, ईशा, अंजली, प्रीती, अंशिका, इशिता, श्रद्धा और रिंकल उपस्थित थे।
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