- उन्हें भी मिलेंगी कारावास की सजा ॽ
- सर्वोच्च न्यायालय आज सुनाएगा फैसला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित जगह पर भेजने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय स्थायी अहम फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजरिया की विशेष तीन-न्यायाधीशों वाली पीठ ने 14 अगस्त को इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला उस याचिका पर सुनाया जाएगा जिसमें 11 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से कुत्तों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जिनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने 11 अगस्त को निर्देश जारी किए थे कि लावारिस कुत्तों को उठाकर सुरक्षित पर में भेजें।
बताया जाता है कि बीते 11 अगस्त के आदेश के बाद पूरे देश में व्यापक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था। बाद में यह मामला 14 अगस्त को तीन-न्यायाधीशों वाली विशेष पीठ के समक्ष आया। पीठ ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की पूरी समस्या स्थानीय निकायों की निष्क्रियता का नतीजा है। जिन्होंने कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण संबंधी पशु जन्म नियंत्रण नियमों को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2024 में 37.15 लाख कुत्तों के काटने के मामले दर्ज
दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि वर्ष 2024 में भारत में लगभग 37.15 लाख कुत्तों के काटने के मामले दर्ज हुए, यानी प्रतिदिन करीब 10,000 मामले। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सरकारी और अन्य प्रामाणिक स्रोतों के आधार पर बताया कि पिछले वर्ष देश में कुत्तों के काटने से 305 मौतें हुईं थीं।
