- खून से लथपथ शव देखते ही ग्रामीणों का ग़ुस्सा फूटा
- मौके पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों हुई
- नाराज़ गांववासियों ने की तोड़फोड़ कई पुलिसकर्मी घायल
- हालात को बेकाबू देख भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर जिले के पिपराइच थाना क्षेत्र स्थित महुआ गांव में सोमवार की देर रात पशु तस्करों और ग्रामीणों के बीच आमना-सामना हो गया। बेख़ौफ़ होकर जानवर लादकर ले जा रहे तस्करों को घेरने के लिए ग्रामीण शोर मचाते हुए आगे बढ़े कि पशु तस्करों ने ताबड़तोड़ फायरिंग झोंकनी शुरू कर दी। इस दौरान बदमाशों की गोली से 19 वर्षीय छात्र दीपक गुप्ता की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बेख़ौफ़ तस्करों ने छात्र को अगवा कर कुछ दूर पर ले गए और उसकी जान लेने के बाद शव को फेंककर भाग निकले। मंगलवार सुबह उसका खून से लथपथ शव मिलने की खबर मिलते ही ग्रामीणों का ग़ुस्सा फूट पड़ा और प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाराज ग्रामीणों व पुलिस के बीच भी जमकर झड़प हुई, इस दौरान तस्करों की वाहन फूंक दी और तोड़फोड़ की। मौके पर पहुंची पुलिस मामले को समझा-बुझाकर शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन वह आरोपियों की गिरफ्तारी और फांसी की सजा दिए जाने की मांग पर अड़े रहे। इस संबंध में एस एसएसपी गोरखपुर राज करन नैयर ने कहा कि शुरुआती जांच पड़ताल में दीपक गुप्ता की मौत गोली लगने से नहीं बल्कि तस्करों द्वारा धक्का दिए जाने से मौत हुई है। उन्होंने कहा कि यह बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ हुई है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों की तलाश में पुलिस की पांच टीमें लगाई गई है और उम्मीद है कि जल्द ही पकड़ लिए जाएंगे।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर
बताया जा रहा है कि इस विवाद में ग्रामीणों की पिटाई से एक तस्कर गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों के पथराव में कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। मंगलवार सुबह छात्र दीपक गुप्ता की मौत की खबर फैलते ही तनाव फैल गया। गुस्साए ग्रामीणों ने गोरखपुर-पिपराइच मार्ग जाम कर दिया, पुलिस पर पथराव किया और यातायात रोक दिया। बड़े अफसरों के आश्वासन के बाद पांच घंटे बाद जाम हटाया जा सका। घटनाओं का सिलसिला सोमवार देर रात शुरू हुआ जब दो पिकअप वैन में एक दर्जन से अधिक तस्कर आए और जानवर खोलने के साथ ही एक की फर्नीचर की दुकान में भी तोड़फोड़ करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि दुकान की ऊपरी मंजिल पर एक ट्रैवल एजेंसी थी जहां उनका एक रिश्तेदार सो रहा था। शटर तोड़ने की आवाज़ सुनकर, उसने दुर्गेश के बेटे दीपक को सूचित किया। दीपक शोर मचाते हुए गांव वालों के साथ पीछा किया।
घबराकर तस्करों ने गोलियां चला दीं और भागने की कोशिश की। अफरा-तफरी में, उन्होंने दीपक को अपनी एक गाड़ी में घसीट लिया और भाग निकले। इस बीच गांव वालों ने एक तस्कर को पकड़ लिया, उसकी गाड़ी में आग लगा दी और उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घायल व्यक्ति को बचाने की कोशिश की, तो स्थानीय लोगों ने उन पर पथराव किया और झड़प भी हुई। इस झड़प में एसपी (उत्तर) जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच एसएचओ गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में पुलिस ने लगभग चार किलोमीटर दूर दीपक का खून से लथपथ शव बरामद किया, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया। इसके बाद करीब पांच घंटे तक यातायात बाधित रखा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) शिव एस. चन्नप्पा और एसएसपी राज करण नैयर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और त्वरित कार्रवाई का वादा किया। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने घटना को “बेहद दुखद” बताया और कहा कि लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, “एक आरोपी पकड़ा गया है। हमने परिवार से बात की है और उनकी मांगों पर चर्चा की है। स्थानीय और उच्च स्तर पर जो भी सहायता प्रदान की जा सकती है, वह सुनिश्चित की जाएगी। सबसे पहले, पोस्टमॉर्टम किया जाएगा और अंतिम संस्कार किया जाएगा, उसके बाद हम परिवार के साथ फिर से बातचीत करेंगे।” दीपक की मां ने रोते-बिलखते अपने बेटे के हत्यारों को मौत की सज़ा देने की मांग की। घायल तस्कर अभी अस्पताल में भर्ती है।
