अब झारखंड के आवासीय उपभोक्ताओं को जल संयोजन शुल्क में काफी राहत मिलेगी : सरयू राय

  • ग़रीबी रेखा के नीचे रहने वाले उपभोक्ताओं का जल संयोजन मुफ्त में होगा
  • गरीबी की परिभाषा क्या?
  • मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना में ग़रीबी रेखा की जो परिभाषा तय है, वही जल संयोजन के लिए भी लागू होगी

रांची/जमशेदपुर। झारखंड के आवासीय उपभोक्ताओं को जल संयोजन शुल्क में काफी राहत मिलेगी। साथ ही ग़रीबी रेखा के नीचे के उपभोक्ताओं का जल संयोजन मुफ्त में होगा। इस हेतु ग़रीबी रेखा को परिभाषित करने पर सरकार राजी हो गई है। विधानसभा की प्रत्यायुक्त विधान समिति ने इसके लिए राज्य सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा पत्रांक 3427, दिनांक 31दिसंबर2020 को जारी परिपत्र पर विचार करने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ चार बैठकें की। समिति के सभापति सरयू राय के निर्देश पर विभाग ने कई राज्यों के जल संयोजन शुल्क का अध्ययन किया और पाया कि झारखंड में जल संयोजन शुल्क काफी अधिक है। झारखंड में एक हज़ार वर्गफीट क्षेत्रफल वाले घर के लिए ₹7000, 2 हज़ार वर्गफीट के लिए ₹14000, 3 हजार वर्गफीट के लिए ₹21000 जल संयोजन शुल्क लिया जाता है। विधानसभा समिति के सभापति सरयू राय ने इसमें संशोधन का निर्देश दिया। विचारोपरांत नगर विकास विभाग ने तय किया कि एक हज़ार वर्ग फ़ीट क्षेत्रफल वाले मकान के लिए जल संयोजन शुल्क मात्र ₹5000 होगा और इसके उपर के क्षेत्रफल वाले घरों को मात्र ₹7000 जल संयोजन शुल्क देना होगा जो अधिकतम होगा। नगर विकास विभाग के इस निर्णय के बाद प्रत्यायुक्त विधान समिति ने इस आशय का प्रतिवेदन गत मॉनसून सत्र में दिनांक 25 अगस्त 2025 को सदन पटल पर रख दिया। इसके बाद इसकी प्रति नगर विकास विभाग को भेजते हुए निर्देश दिया कि प्रतिवेदन की प्रति प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर विभाग इसका विधिवत आदेश परिपत्र निकाल कर सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं को भेजे।

इसके साथ ही विधानसभा समिति ने नगर विकास विभाग से पूछा कि आपने ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मुफ्त में जल संयोजन करने का आदेश दिसंबर 2020 में निकाला था तो ग़रीबी रेखा की परिभाषा क्या है? कितनी आमदनी तक वाले परिवार को ग़रीबी रेखा के नीचे माना जाएगा? स्पष्ट उत्तर नहीं मिलने पर समिति के सभापति सरयू राय ने इसे परिभाषित करने का निर्देश नगर विकास विभाग को दिया। तदनुसार विभाग ने अपने निर्णय से समिति को अवगत कराया कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना में ग़रीबी रेखा की जो परिभाषा सरकार ने तय किया है, वही परिभाषा जल संयोजन के लिए भी लागू होगी। विधानसभा समिति ने नगर विकास विभाग के इस निर्णय को भी अपने प्रतिवेदन में समाहित करते हुए गत 25 अगस्त को सदन पटल पर रख दिया और निर्देश दिया कि सदन द्वारा स्वीकृत प्रतिवेदन के अनुसार प्रतिवेदन प्राप्ति के 25 दिनों क भीतर विभाग इसकी विधिवत अधिसूचना जारी करे। यह जमशेदपुर सहित राज्य भर के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है।

homeslider Jharkhand

सदर थाना के एक चालक को मोहल्ले वासियों ने प्रेमिका के साथ पकड़ा, वीडियो वायरल

नया लुक ब्यूरो रांची/चतरा। चतरा सदर थाना में चालक के पद पर पदस्थापित एक सिपाही मो तालीम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल विडियो में कुछ लोग मो तालीम को लप्पड़ थप्पड़ करते दिखाई पड़ रहें हैं। बताया जाता है कि चालक मो तालीम शहर के दर्जी बिगहा मोहल्ला में […]

Read More
homeslider Jharkhand

झारखंड: चाईबासा सदर अस्पताल का हाल, मरीजों से जबरन लिखवाया जा रहा बॉन्ड

“मरीज के लिए जो ख़ून ले कर आए हैं वो सुरक्षित है” नया लुक ब्यूरो रांची/ चाईबासा। ब्लड बैंक पर राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर मरीजों को सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाला रक्त मिल सके। लेकिन हकीकत यह है कि खून चढ़ाने से पहले उसकी गुणवत्ता की […]

Read More
Jharkhand

जो भ्रष्टाचार करे उसे छूट और जो भ्रष्टाचार उजागर करे उस पर मुकदमाः सरयू राय

सरयू राय की दो टूक : भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान पूर्ववत जारी बन्ना गुप्ता ने प्रोत्साहन राशि स्वयं लेने का बिल बनाकर कोषागार में भेजा 60 लोगों के नाम प्रोत्साहन राशि हेतु भेजना भ्रष्ट आचरण का द्योतक रांची/जमशेदपुर। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि झारखंड उच्च न्यायालय में दायर उनके मुकदमा […]

Read More