नीतीश का सियासी परवाज , परवान चढ़ने के पहले ही थम गया था

पटना। बिहार में सर्वाधिक नौ बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार का सियासी परवाज चढ़ने के पहले ही थम गया था। नीतीश ने अपने सियासी जीवन की शुरूआत जेपी आंदोलन में वर्ष 1977 में हरनौत विधानसभा से की थी। हरनौत विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से टाल क्षेत्र में आता है और मोकामा के बाद दलहन-तिलहन के लिए यह टाल क्षेत्र मशहूर है। टाल क्षेत्र को मुद्दा बना कर उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। बताते चलें कि नीतीश कुमार तीन मार्च 2000 को पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बनें। हालांकि, बहुमत नहीं होने के कारण उन्होंने सात दिन में ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राबड़ी देवी की सरकार गिरने के बाद नीतीश कुमार 24 नवंबर 2005 से अब तक आठ बार मुख्यमंत्री बने हैं। बीच में 20 मई 2014 से 22 फरवरी 2015 तक नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था।

वर्ष 1977 में हरनौत विधानसभा क्षेत्र से नीतीश ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें निर्दलीय भोला प्रसाद सिंह ने मात दे दी। कुमार वर्ष 1980 में भी हरनौत विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में उतरे, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। जनता पार्टी (Seculer) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कुमार को इस बार निर्दलीय प्रत्याशी अरूण कुमार सिंह ने मात दे दी। बताया जाता है कि लगातार दो हार के बाद श्री कुमार ने तय कर लिया था कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे।

वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में नीतीश फिर हरनौत से चुनाव लड़ने उतरे। इस बार उनकी किस्मत चमक गयी। लोकदल प्रत्याशी नीतीश ने कांग्रेस के बृजानंदन प्रसाद सिंह को पराजित किया और पहली बार विधानसभा पहुंच गये। इसके बाद उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा। हरनौत सीट को कुमार का अभेद किला माना जाता है। वर्ष 2005 से लेकर अबतक हुए चुनावों में उनकी पार्टी जनता दल यूनाईटेड (JDU) के प्रत्याशी यहां से लगातार जीतते रहे हैं।

कुमार ने वर्ष 1989 में बाढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और पहली बार जीतकर संसद पहुंचे। उन्होंने इसके बाद बाढ़ संसदीय सीट से वर्ष 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार पांच बार लोकसभा चुनाव जीता। वर्ष 2004 में उन्होंने बाढ़ और नालंदा दो जगहों से लोकसभा का चुनाव लड़ा। नालंदा में श्री कुमार ने जीत हासिल लेकिन बाढ़ में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विजय कृष्णा ने जनता दल के नीतीश कुमार को पराजित किया था। इसके बाद से श्री कुमार ने न विधानसभा और न ही लोकसभा का चुनाव लड़ा है। कुमार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भूतल परिवहन मंत्री, कृषि मंत्री और रेल मंत्री भी रहे हैं। (वार्ता)

Loksabha Ran

फतेहपुर लोकसभाः क्या गठबंधन करेगा कमाल या जीत के साथ रिकॉर्ड बनाएगी BJP?

प्रयागराज मंडल में शामिल फतेहपुर जिला भी राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है। फतेहपुर संसदीय सीट से पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं। वह जब देश के प्रधानमंत्री बने थे तब इसी सीट से सांसद चुने गए थे। इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे भी दो […]

Read More
Loksabha Ran

मोहनलालगंज लोकसभा का चुनावी रण: ईमानदार नेता ही मिटाएगा भ्रष्टाचार

सपा कार्यकर्ताओं और व्यापार सभा ने सपा उम्मीदवार आरके चौधरी के लिए किया प्रचार ए अहमद सौदागर लखनऊ। व्यापार सभा के प्रदेश सचिव और सपा नेता संतोष सेठिया की अगुवाई में बुधवार को सपा नेता, व्यापार सभा व कार्यकताओं ने लोकसभा क्षेत्र मोहनलालगंज 34 इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी आरके चौधरी  के समर्थन में व्यापारी सम्मेलन […]

Read More
Loksabha Ran

भाजपा को इंडी गठबंधन से मिल रही कड़ी चुनौती!

कौशल किशोर को हैट्रिक तो आरके चौधरी को जीत की तलाश बसपा की लड़ाई से भाजपा को मिल सकता लाभ मोहनलालगंज लोकसभा सीट राकेश यादव लखनऊ। पांचवे चरण के मतदान में अब मात्र आठ दिन का समय शेष बचा है। राजधानी लखनऊ से सटी मोहनलालगंज सीट पर प्रत्याशियों का प्रचार जोरशोर से चल रहा है। […]

Read More