
- कानून-व्यवस्था संभालना पुलिस के लिए अग्निपरीक्षा
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। बीते साल यानी रमज़ान महीने में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को डर सताने लगा था कि कहीं वह भी किसी खूंखार का शिकार न बन जाए। वह खौफ के चलते काफी समय से बीमार चल रहा था। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत होने की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में मुख्तार के पैतृक गांव में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है।
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वहीं मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। मुख्तार अंसारी की मौत से इलाके में नहीं कई क्षेत्र में हड़कंप बांदा जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की कई दिनों से बीमार चल रहे थे। बताया जा रहा है कि गुरुवार को रोजा इफ्तार करने के बाद तबीयत बिगड़ी और इलाज के दौरान मौत हो गई।
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