Jail headquarter Lucknow
जेल में खेलः पैसा फेंको कमाऊ जेल पर ड्यूटी लगवाओ!
मध्य सत्र में लगा दी डेढ़ दर्जन वार्डरो की विशेष ड्यूटी डीआईजी मुख्यालय के आदेश से जेलकर्मियों में मची खलबली राकेश यादव लखनऊ। यदि आपकी जेब में पैसा और जुगाड़ हो तो आप प्रदेश की किसी भी कमाऊ जेल पर अपनी ड्यूटी लगवा सकते है। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन सत्य […]
Read Moreआईजी जेल के तुगलकी फरमान से उड़ी अफसरों की नींद
जेलों में बंदियों को अल्फाबेटिकल रख पाना आसान नहीं ड्यूटी में रोस्टर प्रणाली लागू होने से अस्त व्यस्त होगी व्यवस्था राकेश यादव लखनऊ। प्रदेश की जेलों में बंदियों को अल्फाबेटिकली (नाम के प्रथम अक्षर के हिसाब से) रखा जाए। हेड वार्डर, वार्डर और नंबरदारों की ड्यूटी में रोस्टर प्रणाली लागू की जाए। आईजी जेल के […]
Read Moreकमाई के लिए स्टेनो की जगह डीआईजी के साथ लगाएं बाबू!
मुख्यालय में स्टेनो होने के बाद बाबुओं को सौंपा गया प्रभार मनमाने रवैए से स्टेनो संवर्ग के कर्मियों में आक्रोश राकेश यादव लखनऊ। प्रदेश के कारागार मुख्यालय में स्टेनो होने के बावजूद बाबुओं को DIG के स्टेनो का प्रभार सौंप दिया गया है। यह बात सुनने और पढ़ने में भले ही अटपटी लगे लेकिन विभाग […]
Read Moreकब होगा आईजी प्रिजन ऑफिस एसोसिएशन का चुनाव! पिछले सात साल से है लम्बित
कर्मचारियों की समस्याएं सुनने का मुख्यालय में नहीं कोई फोरम विभाग में कर्मचारियों की तानाशाही चरम पर, दबे कुचले कर्मियों का कोई पुरसाहाल नहीं राकेश यादव लखनऊ। कारागार मुख्यालय में आईजी प्रिजन ऑफिस एसोसिएशन का चुनाव पिछले सात साल से नहीं हुआ है। यह बात सुनने में भले अटपटी लगे लेकिन सच है। एसोसिएशन की […]
Read Moreमानकों को दरकिनार कर वर्दी पहन रहे मुख्यालय के बाबू!
एक के बजाए दो स्टार लगाकर रुतबा जमा रहे वरिष्ठ सहायक अधिकांश बाबू वर्दी पहनकर नहीं आते कार्यालय । लखनऊ। कारागार मुख्यालय में बाबू संवर्ग के कर्मियों को वर्दी का तोहफा दिया गया, मुख्यालय के अधिकांश बाबू निर्धारित मानक के अनुसार वर्दी में नहीं पहनकर नहीं आते है। यह सच कारागार मुख्यालय में कभी भी […]
Read Moreइंजीनियर के बगैर जेल विभाग में चल रहे करोड़ों के निर्माण कार्य!
पर्यवेक्षक और अनुदेशकों के भरोसे चल रहा निर्माण कार्य प्रमुख सचिव ने दबा रखी पर्यवेक्षक के प्रोन्नति की फाइल राकेश यादव लखनऊ। प्रदेश कारागार विभाग के निर्माण अनुभाग में करोड़ों रुपए का बजट है। इस बजट को खर्च करने के लिए कोई विभागीय अभियंता नहीं है। यह बात सुनने और पढ़ने में भले ही अटपटी […]
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