डॉ दिलीप अग्निहोत्री
अयोध्या आंदोलन से लेकर भव्य श्रीराम मन्दिर उद्घाटन तक भाजपा की नीति विचार स्पष्ट रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो मन्दिर निर्माण से पहले ही अयोध्या धाम को भव्य रूप में सुसज्जित कर दिया था। योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट की बैठक कुम्भ के समय प्रयाग राज में कर चुके हैं। योगी मंत्रिपरिषद के सदस्यों और भाजपा विधायकों का श्रीराम मन्दिर में दर्शन के लिए पहुँचना सहज स्वाभाविक था। इसमें कौतुहल जैसा कुछ नहीं था।
इसी प्रकार सपा विधायकों का श्रीराम मन्दिर से दूरी बनाये रखना भी सहज स्वाभाविक था। जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे भी इस धार्मिक यात्रा में चलने का निवेदन किया था। लेकिन सपा अपने अतीत और स्वामी प्रसाद मौर्य के वर्तमान तक सीमित रही। भाजपा गठबंधन के घटक दल के साथ आरएलडी,बसपा और कांग्रेस के भी विधायक पहुंचे अयोध्या धाम पहुँचे। मतलब केवल समाजवादी पार्टी ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। जबकि सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्षी दलों के विधायक भी पूरी तरह राम धुन में उत्साही दिखाई दिए।
जिन बसों से विधायकों को अयोध्या ले जाया गया, उन बसों के अंदर रामधुन भी बजाई गई। कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि आज दर्शन का बहुत ही पुण्य अवसर है। बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह ने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। निषाद पार्टी के अध्यक्ष और सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा कि प्रभु राम के साथ निषादराज का बहुत भावुक संबंध था। ये मेरा सौभाग्य है की इतने वर्षों बाद प्रभु के दर्शन करने का अवसर मिल रहा है।