काकोरी ट्रेन एक्सन का संदेश

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ । स्वतन्त्रता संग्राम का दायरा बहुत व्यापक था। इसके राजीनीतिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक पहलू भी थे। इन सभी पर समग्र चिंतन- मनन की आवश्यकता थी। किंतु अनेक तथ्य उपेक्षित रह गए। इतिहास में इन्हें गौरवपूर्ण एवं उचित स्थान नहीं मिल सका। कई घटनाओं को ब्रिटिश शासन एवं इतिहासकारों ने नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया था।  आजादी के बाद भी उन्हें उसी रूप में स्वीकार किया गया। काकोरी की घटना को डकैती का रूप अंग्रेजों ने दिया था। जबकि यह ब्रिटिश सत्ता द्वारा किये जा रहे आर्थिक शोषण को एक प्रकार की चुनौती थी।

आजादी के इतने वर्ष बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस घटना को सम्मानजनक नाम दिया। इसे काकोरी ट्रेन एक्शन नाम दिया गया। यह अंग्रेजों के विरुद्ध एक्शन ही था। इसलिए गोविंद बल्लभ पंत जैसे अनेक सेनानियों ने एक्शन में शामिल क्रांतिकारियों के मुकदमे लड़े। उन्होंने इनके बचाव हेतु पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ वायसराय को पत्र लिखा था। इसी प्रकार चौरी चौरा घटना को केवल हिंसक रूप में ही प्रस्तुत किया गया। इसके पीछे ब्रिटिश सत्ता द्वारा किसानों के शोषण एवं आंदोलन के संदर्भ को उपेक्षित छोड़ दिया गया।

इस पर भी चर्चा नहीं हुई कि ब्रिटिश सरकार द्वारा आरोपी बनाए गए लोगों की पैरवी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी ही कर रहे थे। अमृत महोत्सव के माध्यम से देश की वर्तमान पीढ़ी ऐसे अनेक तथ्यों से परिचित हो रही है। इस प्रकार के अनेक रोचक और प्रेरणादायक प्रसंग अमृत महोत्सव में उजागर हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित ‘काकोरी शहीद स्मारक’ स्थल पर ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ की 98वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशव्यापी ‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान का शुभारम्भ किया। यहां उन्होंने पौधरोपण किया। क्रांतिकारियों की गौरवगाथा को प्रकट करते हुए शिलाफलकम् का उद्घाटन भी किया।

योगी आदित्यनाथ ने जिस ब्रिटेन ने हम पर दो सौ वर्षों तक राज किया उसको हराकर आज भारत विश्व मे पांचवीं अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बताए गए पंच प्रण की शपथ कार्यक्रम में आये लोगो को दिलाई। काकोरी ट्रेन एक्शन में शहीदों ने करीब चार हजार रुपये लूटे थे। उन शहीदों की गिरफ्तारी के लिए ब्रिटिश सरकार ने दस लाख रुपये खर्च किये थे। अगर लड़ने का जज्बा हो तो बड़ी से बड़ी ताकत को हिलाया जा सकता है। आज भारत शक्तिशाली देशों के समूह G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद स्मारक पर काकोरी अमृत वाटिका की भी स्थापना की। इस वाटिका में 75 पौधों का रोपण हुआ।

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