पथरी से तड़फते मरीजों के पेट से गाल्स स्टोन निकल बनाई अदभुत कलाकृति

लखनऊ। कला की दुनिया अनोखी होती है। नवाचार इसमें कलाकार को अलग पहचान देता है। हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो यूं तो है स्वास्थ्य कर्मचारी, लेकिन कलाकारी उसकी रगों में दौड़ता है। अस्पताल में पथरी का इलाज कराने आने वाले मरीजों के पेट से निकलने वाले पत्थरों को संजोकर रखते हैं और उससे खूबसूरत कलाकृतियां बनाते हैं। उनकी बनाई कलाकृतियों के बारे में जानते ही लोग चौक जाते हैं।

जिला मुख्यालय से 77 किमी दूर ओडिशा के नवरंगपुर में लगभग 70 साल पुराना क्रिश्चियन हॉस्पिटल है। वर्ष 1952 से यह अस्पताल पथरी के उपचार के लिए ओडिशा और बस्तर में काफी चर्चित है। अस्पताल की ओपीडी वार्ड में पत्थरों से तैयार एक कलाकृति दिखती है। इसमें घायल को पानी पिलाते एक शख्स को दिखाया जा रहा है। यहीं से नई कहानी शुरू होती है यह कलाकृति सामान्य पत्थरों से नहीं बनी है। दर्द से कराहते मरीजों को राहत मिलने के बाद इनका सृजन हुआ है।

अस्पताल में पथरी के मरीजों के पेट से निकाले गए छोटे-छोटे स्टोन अर्थात पत्थरों से बनाई गई है। आकार देने के लिए इसमें सामान्य पत्थरों का उपयोग भी किया गया है। इस कलाकृति को तैयार किया है इस कलाकृति को तैयार किया है क्रिश्चन अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में कार्यरत एडमिन जान हेल ने। कलाकृति के जरिए उन्होंने सेवाभाव का संदेश दिया है। उन्होंने बताया कि इस कलाकृति को बढ़ाने के लिए उन्होंने एक हजार से अधिक गाल स्टोन और कुछ सामान्य पत्थरों का उपयोग किया है। साढ़े तीन फीट लंबी और ढाई फीट चौड़ी ऐसी कलाकृति को बनाने में उन्हें चार सप्ताह लगते हैं।

सेवा से सद्भावना का संदेश एडमिन ने यह तस्वीर तेरह साल पहले विश्व पेंटिंग दिवस पर 15 अप्रैल 2008 को सेवा से सद्भावना का संदेश देने के लिए विभिन्न बीमारियों के पीड़ितों को समर्पित किया था। 15 साल से यह विलक्षण तस्वीर क्रिश्चियन हॉस्पिटल की ओपीडी में प्रदर्शित है। एडमिन द्वारा बनाए गए अन्य कलाकृतियों को भी अस्पताल की दीवारों पर देखा जा सकता है। क्या है इस कलाकृति में इस विलक्षण कलाकृति में दयालुता का चित्रण है। डाकू ने एक यात्री को जमकर पीटा और अधमरा कर छोड़ दिया। पुजारी, वकील तथा अन्य लोग उसे देखते गुजरे पर किसी ने यात्री की मदद नहीं की। अंत में एक व्यक्ति ने उसकी मदद की। इसलिए तस्वीर का शीर्षक दयालुता पर केंद्रित है।

Health

हीमोफीलिया एक जन्मजात आनुवंशिक बीमारी-प्रो.मनोज कुमार

विशेष संवाददाता वाराणसी। हीमोफीलिया एक जन्मजात आनुवंशिक बीमारी है। जो मूलतः लड़कों में पाया जाने वाली लाइलाज बीमारी है। जनपद के हीमोफीलिया सेन्टर में लगभग 12 सौ मरीज़ पंजीकृत हैं। जिनका ईलाज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हीमेटोलाजी विभाग द्वारा किया जाता है। उक्त बातें विश्व हीमोफीलिया दिवस पर  हीमेटोलाजिस्ट प्रो.डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने पहड़िया […]

Read More
Health Uncategorized

सेक्टम का संकल्प -अब हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से नहीं होगी कोई मौत

लखनऊ| स्वास्थ्य सेवाएं भले ही तकनीक से लैस हो चुकी हैं, लेकिन आज के दौर में भी इमर्जेन्सी सेवाएं व इससे जुड़े नेटवर्क उतने अधिक मजबूत नहीं हुए हैं ,जितने होने चाहिए थे .किसी के घर में यदि कोई अचानक बीमार हो जाये या फिर किसी के साथ कोई ऐसा हादसा हो जाये जिससे उसकी […]

Read More
Delhi Health

90% भारतीय महिलाओं में है विटामिन-D की कमी, शरीर दर्द से राहत के लिए वे चुनती हैं अस्थायी समाधान

हड्डियों के दर्द की अनदेखी और समस्या की जड़ यानी विटामिन-D की कमी को लेकर बनी रहती हैं लापरवाह नई दिल्ली । हमारे शरीर में विटामिन-D की मात्रा 30ng/ml से कम होना अपर्याप्त माना जाता है या इसे विटामिन-D की कमी के तौर पर परिभाषित किया जाता है, जिसके कारण बोन हैल्थ बिगड़ती है और […]

Read More